नईदिल्ली-
एग्रीगेटर दुनिया का पहला एंटी कोरोना टास्क फोर्स एनजीओ है जो हर किसी के पास आसानी से पहुंच बना सकता है। यह ग्रामीण भारत से उत्पन्न सबसे उन्नत अवधारणों में से एक है।
एनजीओं के प्रसिद्ध रणनीतिकार व नीति निर्धारक डॉ कृष्ण झा एसीटीएफ के मुख्य नव प्रवर्तन अधिकारी सचिन खरे, एक्सटर्नल अफेर्यस के चीफ राकेश राय ने पिछले महीने कोरोनो वायरस महामारी के खिलाफ देशव्यापी लड़ाई में सबसे आगे काम किया है और देश भर में हजारों स्वयंसेवकों के साथ राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर गतिशील रूप से काम करना जारी रखा है, जो प्रभावित हुए लोगों की मदद करने के लिए समर्पित है।
एसीटीएफ जिनेवा में अपने पहले अंतरराष्ट्रीय कार्यालय के स्थापना का लक्ष्य विश्व स्तर पर अपनी पहचान बने और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और राष्ट्र की सेवा करने में मदद करने के लिए नए क्षेत्रों और विस्तार के क्षेत्रों में उतरने की योजना बना रहा है।
अब तकएसीटीएफ ने जरूरतमंद लोगों को भोजन, आपूर्ति और मास्क निःशुल्क वितरित किए हैं और कई अभिनव पहल और अभियान भी चलाए हैं, जिनमें शामिल हैं;
• फंसे हुए मजदूरों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए “चलो घर चलो” अभियान।
• किसानों को सरकार या खरीदारों को सीधे उत्पाद बेचने के लिए “बेचो अभियान”।
• एसीटीएफ ने लोगों की जरूरतों और सामाजिक भेद के विचार को ध्यान में रखते हुए, सब्जी बाजार, “स्मार्ट जिग-ज़ैग मंडी” डिज़ाइन किया।
• एसीटीएफ ने भारत की पहली समर्पित टेलीमेडिसिन हेल्पलाइन भी शुरू की है जहाँ 25,000 से अधिक परिवारों ने पेशेवरों से सहायता प्राप्त की है।
• जो लोग कोरोनोवायरस से उबर चुके हैं उनके लिए प्लाज्मा दान अभियान, प्लाज्मा दान करने में मदद करता है जो वर्तमान में प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से संक्रमण से लड़ रहे हैं।
• जीवन का उपहार- रक्तदान अभियान, ACTF का उद्देश्य सबसे बड़ा रक्तदान अभियान चलाना है। दाता ACTF वेबसाइट पर या सोशल मीडिया के माध्यम से पंजीकरण पूरा कर सकते हैं। डेटा को राज्य और भारत सरकार के साथ साझा किया जाएगा।
• पदयात्रा के दौरान अपना कब्ज़ा खो चुके 122 मिलियन लोगों की नौकरी की खोज को आसान बनाने के लिए “कामाया ऐप” लॉन्च किया गया
• ACTF ने अपनी पशु विंग को भी लॉन्च किया है, ताकि जानवरों की भलाई के लिए आवाज हो और भोजन और चिकित्सीय सहायता प्रदान की जा सके, यह पहचानते हुए कि उपन्यास कोरोनावायरस महामारी के दूरगामी परिणाम और प्रभाव।
• बाढ़ राहत अभियान के लिए 4000 से अधिक स्वयंसेवकों के साथ सामुदायिक रसोई, जो असम और बिहार सरकार को समर्थन प्रदान करता है और भोजन, दवाइयां और आपूर्ति प्रदान करता है।
एंटी कोरोना टास्क फोर्स किसी भी तरह की महामारी के मुकाबले करने के लिए तैयार है। एसीटीएफ मानवता के रक्षा के लिए सदा आगे रहेगा। पृथ्वी जगत पर मनुष्यों, जानवरो, पक्षियों और वनष्पतियों के प्रति दया सहानुभूति विचार रखते हैं। जिसके लिए सदा कार्य करते रहेंगे।