लखीसराय, 21अगस्त, 2020
कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के दौर में जन-जागरूकता सबसे अहम भूमिका अदा कर रही है. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को सफल बनाने में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका को दरकिनार नहीं किया जा सकता है. ऐसे मुश्किल दौर में लोगों को सेवा देने वाले लोगों की सूची भी काफ़ी लम्बी है. लखीसराय पीएचसी के स्वास्थ प्रबंधक अनिल कुमार भी उन्हीं कोरोना योद्धाओं में एक हैं, जो कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक करने की मुहिम चला रहे हैं. वह ना सिर्फ पीएचसी से संबंधित सभी कार्यों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं, बल्कि कोविड-19 से संबंधित भी आवश्यक कार्यों में पूरी भी उत्साह के साथ जुटे हुए हैं। वह क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोरोना बचाव के प्रति जागरूक करने के साथ अपने क्षेत्र का भ्रमण कर आमलोंगो को भी बचाव से संबंधित आवश्यक जानकारी दे रहे हैं।
व्यक्तिगत जानकारी पर देते हैं ध्यान:
जिले में कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही अनिल क्षेत्र भ्रमण कर समुदाय को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे हैं. अनिल कहते हैं कोरोना संक्रमण के शुरूआती दौर में गाँव के लोगों में संक्रमण के प्रति जागरूकता कम थी. कई सामाजिक भ्रांतियों के कारण लोग कोरोना संक्रमण की बात को आसानी से स्वीकार नहीं कर पा रहे थे. लेकिन वक्त के साथ कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले एवं समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चलाये जाने वाले जागरूकता अभियान से लोगों की सोच में बदलाव देखने को मिला. अब लोगों के मन में कोरोना संक्रमण की गंभीरता को लेकर संशय खत्म हो रहा है. लोग यह मानने लगे हैं कि कोरोना एक गंभीर एवं जानलेवा बीमारी है. इसके कारण लोग कोरोना से बचाव के उपायों को भी गौर से सुनने लगे हैं. उन्होंने बतया क्षेत्र भ्रमण के दौरान वह लोगों को शारीरिक-दूरी, मास्क का सही इस्तेमाल एवं हाथों की सफ़ाई जैसे महत्वपूर्ण उपायों पर चर्चा करते हैं. इसके लिए वह कई लोगों को व्यक्तिगत तौर पर भी जानकारी देते हैं.
जिम्मेदारियाँ ने दूर कर दिया भय:
स्वास्थ प्रबंधक अनिल कुमार ने बताया जब कोविड-19 का दौर शुरू हुआ था तो उस वक्त उन्हें भी क्षेत्र भ्रमण या लोगों से मिलने में भय लगता था. लेकिन एक स्वास्थ्य कर्मी होने के नाते कर्तव्य निर्वहन की जिम्मेदारी ने उनके मन से संक्रमण के भय को खत्म किया. इसके लिए उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी तरीकों का पालन करना शुरू किया, जिससे उन्हें अपनी जिमेम्दारियों को पूरा करने में आत्मबल भी मिला. उन्होंने बताया कोरोना संक्रमण काल में उन्होंने अन्य जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं पर भी ध्यान दिया, जिसमें मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं शामिल थी. कुछ महीनों से दोहरी जिम्मेदारियों को निभाते हुए उन्हें यह एहसास हुआ कि यदि मन के अंदर सेवा भाव हो तो कई चुनौतियाँ आसन हो जाती है.
जिले में कोरोना योद्धा के रूप में हो रही पहचान
स्वास्थ प्रबंधक अनिल द्वारा कोविड-19 में दी जा रही अनवरत सेवा के कारण जिले में उनकी पहचान कोरोना योद्धा के रूप में हो रही है और स्वास्थ विभाग के अलावा अन्य विभागों के पदाधिकारी भी इनके कार्यों की सराहना कर रहे हैं।