आज दुनिया को अणुव्रत की जरूरत – वेद प्रताप वैदिक, वरिष्ठ पत्रकार व लेखक
– देश विदेश में 500 अणुव्रत एंबेस्डर्स तैयार कर इस जीवन शैली का व्यापक प्रसार किया जाएगा
-73 वां अणुव्रत स्थापना दिवस पर देश भर में मीडिया के साथ अणुव्रत संवाद*
नई दिल्ली:
73 वें अणुव्रत स्थापना दिवस पर आज कांस्टीट्यूशन क्लब नईदिल्ली में देश भर के आए मीडिया के साथ अणुव्रत संवाद का आयोजन किया गया। इस खास कार्यक्रम में अपने संदेश में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि अणुव्रत का मतलब है नैतिकता को अपने जीवन में उतारना। आज के समय में अणुव्रत व्रत सभी को लेने की जरूरत है। उन्होंने संदेश में कहा कि अणुव्रत हमें अध्यात्म से भी जोड़ता है जिससे हम दूर चले जा रहे हैं।
मेघवाल ने बताया किसी प्रकार अपने राजनैतिक जीवन में अणुव्रत का अपनाकर उन्होंने सफलता अर्जित की है। उन्होंने कहा कि वे अपने चुनाव प्रचार में शराब और पैसे नहीं बांटने का संकल्प ले चुके हैं। उनका यह संकल्प उनकी जीत में सहयोगी बना है।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार व लेखक श्री वेद प्रताप वैदिक ने अणुव्रत से अपने जुड़ाव को बताते हुए कहा कि हम अणुव्रत से जुड़े हैं और इनके संदेश को जनजन तक पहुंचाने के लिए लगातार लोगों को प्रेरित करते रहे हैं। वेद प्रताप वैदिक ने अणुव्रत के महत्ता और आचार्य तुलसी के बारे में बताते हुए कहा कि हमलोगों के गौरव की बात है कि लाखों लोगों ने अणुव्रत को अपनाया है। आज दुनिया को अणुव्रत की जरूरत है इन्होंने कहा कि दक्षेस देशों में हम अणुव्रत की बात को विशेष बल देंगे।
वेद प्रताप वैदिक ने लोगों से अपने हस्ताक्षर भी अपनी मातृभाषा में करने का अनुरोध किया। छोटे संकल्प लीजिए और बेहतर जीवन पाइए। वेद प्रताप वैदिक ने शाकाहार के महत्ता पर खास जोर दिया।
इस मौके पर अणुव्रत विश्व भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संचय जैन ने कहा कि सात दशक से निरंतर चल रहे अणुव्रत आंदोलन की प्रासंगिकता स्वत सिद्ध है। आज बढ़ती भोगवादी संस्कृति के चलते व्यक्तिगत, सामाजिक और वैश्विक स्तर पर जो समस्याएं खड़ी हो रही है उनका समाधान अणुव्रत की संयम प्रधान जीवन शैली में निहित है। जैन ने बताया कि देश विदेश में 500 अणुव्रत एंबेस्डर्स तैयार कर इस जीवन शैली का व्यापक प्रसार किया जाएगा।
इस मौके पर अणुव्रत विश्व भारती के प्रकल्प के 15 पोस्टर जारी किए गए। जिनमें अणुव्रत जीवन शैली, बाल संस्कार निर्माण के लिए जीवन विज्ञान और अणुव्रत बालोदय, अणुव्रत संसदीय मंच, अणुव्रत लेखक मंच, चुनाव शुद्धि अभियान, नशा मुक्ति अभियान, पर्यावरण जागरूकता आदि प्रमुख हैं।
पत्रकारों के प्रश्नों का जवाब देते हुए अणुविभा के न्यासी श्री तेज करण सुराणा ने कहा कि अणुव्रत द्वारा आयोजित दस अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलनों में विदेशी विद्वानों की सहभागिता यह सिद्ध करती है कि वे स्वयं पश्चिमी जीवन शैली से असंतुष्ट हैं। उपाध्यक्ष अविनाश नाहर ने पारिवारिक हिंसा से प्रश्न का जवाब देते हुए अणुव्रत के नशामुक्ति अभियान की जानकारी दी।