• सर्दी, खांसी और बुखार नहीं हो, इसके लिए करें परहेज
• भोजन करने में बरतें सावधानी, गर्म भोजन ही करें
भागलपुर, 29 जुलाई:
बारिश का मौसम अभी चल रहा है। कई जगहों पर बाढ़ आ गई है और कुछ जगहों पर आने का खतरा है। ऊपर से कोरोना काल चल रहा है, ऐसे में कई बीमारियों को लेकर सचेत रहने की जरूरत है। खासकर बारिश में भीगने से बचें, सतर्क नहीं रहने पर लोग भीषण बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।
नारायणपुर पीएचसी के प्रभारी डॉ विजेंद्र कुमार विद्यार्थी कहते हैं बारिश के मौसम में लोगों को संभलकर रहना चाहिए। अभी वैसे ही कोरोना का दौर चल रहा है। इस मौसम में सर्दी, खांसी और बुखार होना आम बात है। कोरोना के भी यही सब लक्षण हैं। अगर कोई इन बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं, तो वह कोरोना के चपेट में भी आ सकते हैं। इसलिए सावधान रहें।
घर के आसपास पानी नहीं जमने दें:
घर के आसपास पानी इकट्ठा नहीं होने दें। कूलर के पानी को बदलते रहें। बारिश के मौसम का सबसे गंभीर बीमार डेंगू है। यह मच्छऱ के काटने से होता है। इसमें शरीर तोड़ देने वाला बुखार आता है। इसके साथ ही शरीर में चकत्ते पड़ जाते हैं। खून में प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है। अगर इसका तुरंत उपचार न किया जाए तो जान जा सकती है।
मच्छरदानी का करें इस्तेमाल:
बारिश के मौसम में रात में मच्छरदानी लगाना नहीं भूलें। संभव हो तो मच्छर रोधी क्रीम लगाकर सोएं। मच्छर के काटने से मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे रोग होते हैं. बरसात के पानी में अक्सर यह मच्छर पैदा होता है। इस मौसम में बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलकर सलाह लेनी चाहिए।
वायरल फीवर से बचकर रहें:
इस मौसम में सर्दी-गर्मी के साथ संक्रमण से होने वाला बुखार भी इस मौसम में खूब आता है। वैसे तो यह बुखार तीन से दिन दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन डॉ़क्टर से जरूर मिलना चाहिए। अगर ठीक से इलाज नहीं हो तो वायरल फीवर भी काफी खतरनाक हो जाता है। इसलिए इससे बचकर रहें।
बाहर खाने सें करें परहेज, पानी को उबालकर पीएं:
बारिश के मौसम में बाहर खाने से परहेज करें। साथ ही पानी को उबालकर पीएं। इस मौसम में पीलिया जौसी खतरनाक बीमारी का भी खतरा रहता है। यह बहुत ही खतरनाक रोग है। यह बीमारी गंदा पानी और संक्रमित भोजन से होती है। इसमें आखें, नाखून और यहां तक कि मूत्र भी पीला निकलता है। इसके साथ ही शरीर में पीलापन के लक्षण आते हैं।
डायरिया से बचकर रहें:
यह बीमारी भी संक्रमण से होता है। इसमें रोगी को पेट में दर्द और उल्टियां होती हैं। इस वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए रोगी को बार-बार ओआरएस पीना चाहिए। जरूरत पड़ने पर ग्लूकोज भी चढ़ाया जाता है। इस दौरान हल्का खाना जैसे खिचड़ी ही सबसे उपयुक्त होती है। डॉक्टर की सलाह पर दवा जरूर लें।