नई दिल्ली-
न्यू देहली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के चेयरमैन वीएम बंसल ने रक्षा बंधन का पर्व भाई-बहन के स्नेह की अटूट डोर का प्रतीक है। बहन द्वारा भाई को राखी बांधने से उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। दोनों के मध्य विश्वास और प्रेम का जो रिश्ता बनता है, वह अटूट है।
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उन्होंने कहा है कि रक्षा बंधन पर्व का सबसे खूबसरूत पहलू यही है कि यह पर्व धर्म और जाति के बंधनों को नहीं मानता। अपने इसी गुण के कारण आज इस पर्व की सराहना पूरी दुनिया में की जाती है। जब भी कोई कार्य शुभ समय में किया जाता है, तो उसका अपना महत्व है।
बहन के रिश्ते से उस कार्य की शुभता में वृद्धि होती है। रक्षाबंधन का समय भी निर्धारण है। वीएम बंसल ने कहा कि गुरुदेव रवीद्र नाथ टैगोर ने राखी का पर्व को एकदम नया अर्थ दे दिया। उनका मानना था कि राखी एक इंसानियत का पर्व है। विश्वकवि रवींद्रनाथ ने इस पर्व पर बंग भंग के विरोध में जनजागरण किया था और इस पर्व को एकता और भाई चारे का प्रतीक बनाया था।