नई दिल्ली –
पूरी दुनिया में बिजली की खपत लगातार बढ़ती जा रही है जिससे पूरे विश्व में बिजली उत्पादन को लेकर विशोष ध्यान दिया जा रहा है और बिजली के नए स्त्रोतों की खोज भी लगातार हो रही है ताकि बढ़ती हुई बिजली और उर्जा की मांग को पूरा किया जा सके. इस क्षेत्र में सौर उर्जा के जरिये अपने जरूरतों को पूरा करने के प्रयास के मामले में संयुक्त राष्ट्र संध ( यूएन) ने भारत की तारीफ की है.
इसके अलावा भारत द्वार प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए किए जा रहे भारत के प्रयासों पर भी यूएन ने भारत की तारीफ की है. वहीं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक एरिक सोलहम ने इस बात को भी कहा की दुनिया के देशों को धरती को बचाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने एक साक्षातकार में कहा कि एक बहुत ही अच्छी जानकारी देते हुए कहा कि बीते वर्ष 2017 में दुनियाभर में तेल कोयले और गैस के की तुलना में सौर उर्जा से अधिक बिजली उत्पादन की गई.
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सौर उर्जा से कई राज्यों की अर्य़व्यवस्था में हुई बढ़ोतरी
बात अगर भारत की करे तो भारत के कई राज्यों में सौर उर्जा का प्रयोग पिछले कुछ वर्ष में काफी बढ़ा है जिससे भारत के कई राज्यों की अर्य़व्यवस्था में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इसका एक उदाहरण दक्षिण भारत का राज्य केरल है जहां कोचीन अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा सौर उर्जा से संचालित होने वाला दुनिया का पहला हवाई अड्डा बन गया. वहीं बात अगर सौर उर्जा के फायदों की करे तो इसे इस्तेमाल और इसका रख -रखाव करना तो आसान है ही साथ ही ये किफाइती उर्जा स्त्रोत है.
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सौर उर्जा से बिजली की कमी हो रही दूर
सौर उर्जा का प्रयोग कर भारत सहित विश्व के कई देश अपनी विधुत की कमी को पूरा कर रहे है. वहीं बात अगर सौर उर्जा एक और अन्य लाभ की करे तो इसमें कोयले की तुलना में पांच गुना ज्यादा नौकरियां है. वहीं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के निदेशक एरिक सोलहम ने इस बात को भी कहा की भारत ने 2022 तक प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का वादा किया है.
वहीं बात अगर प्लास्टिक के उपयोग को रोकन की करे तो यूरोपीय संध ने भी प्लास्टिक उपयोग का एक ऐसा नया तरीका अपनाने की बात कही है कि जो पर्यावरण के ज्याद अनुकूल और सुरक्षित होगा. भारत ने जिस तरह सौर ऊर्जा से अपनी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया है और सौर उर्जा उत्पादन के क्षेत्र में तरक्की बीते कुछ वर्षों में की है वो सच में प्रशंसनीय है. यही कारण है कि अब यूएन ने भी सौर उर्जा के जरिये अपने जरूरतों को पूरा करने के प्रयास के लिए भारत की तारीफ की है.