– 16 सितंबर से 29 सितंबर तक चलेगा पखवाड़ा, आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को किया गया प्रशिक्षित
– कोविड 19 संक्रमण को देखते हुए कन्टेंमेंट जोन में नहीं चलाया जाएगा अभियान
भागलपुर, 15 सितंबर
कोरोना संक्रमण काल में प्रभावित हुए स्वास्थ्य कार्यक्रमों को अब गति दी जा रही है। इस क्रम में 16 सितंबर से लेकर 29 सितंबर तक जिले में डायरिया नियंत्रण व कृमि मुक्ति के लिए संयुक्त अभियान चलाए जाएंगे, जिसकी तैयारी जिला स्वास्थ्य समिति ने पूरी कर ली है। राज्य स्वास्थ्य समिति से निर्देशों के अनुसार मंगलवार को आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षित किया गया है। दोनों कार्यक्रमों को एक साथ आयोजित करने से आशा गृह भ्रमण के दौरान ही कार्यक्रम से संबंधित सेवाएं भी प्रदान कर सकेगी। प्रशिक्षण में बताया गया कि कोविड 19 संक्रमण के प्रसार को देखते हुए समिति के निर्देशों के तहत जिले के कन्टेंमेंट जोन में कोई अभियान नहीं चलाए जाएंगे। यदि, इस बीच किसी कन्टेंमेंट जोन की अवधि समाप्त हो जाती है, तो राज्य स्वास्थ्य समिति व जिला प्रशासन के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम शुरू किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इस दौरान विटामिन ए की खुराक देने के लिए भी अभियान चलाया जाना था। लेकिन, विभाग ने अपरिहार्य कारणों से इसे स्थगित कर दिया।
एक से 19 साल तक के बच्चों को दी जाएगी एलबेंडाजोल की दवा :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार चौधरी ने बताया जिले में नवजात मृत्यु दर एवं पांच साल के कम उम्र के बच्चों के मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से दोनों अभियान एक साथ शुरू किए जा रहे हैं। इन दो कार्यक्रमों के एक साथ आयोजन करने से अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा बेहतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो सकेगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 16 सितम्बर से 29 सितम्बर तक जिले के एक साल से 19 साल तक के बच्चों को एलबेंडाजोल की दवा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए एलबेंडाजोल की दवाएं प्राप्त हो चुकी हैं। जिनका आवंटन प्रखंडों में किया जा चुका है। गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बच्चों को एलबेंडाजोल की दवाओं को चूरकर अपने सामने अभिभावक द्वारा खिलाया जाना सुनिश्चित कराएंगी।
पांच साल से कम आयु वर्ग के बच्चों को दी जाएगी ओआरएस और जिंक की खुराक :
डॉ. चौधरी ने बताया राष्ट्रीय दस्त नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले के पांच साल तक के बच्चों को ओआरएस और जिंक की खुराक दी जाएगी। इस क्रम में प्रत्येक घरों में ओआरएस के पैकेट दिए जाएंगे। लेकिन, जिंक की गोलियां सिर्फ उन परिवारों को दी जाएगी, जिनके बच्चे दस्त से ग्रसित रहते हों। उन्होंने बताया कि दो से छह माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली प्रतिदिन 14 दिनों तक देनी है। वहीं, छह से पांच वर्ष तक के बच्चों को प्रतिदिन जिंक की एक गोली दी जानी है। सबसे जरूरी बात यह है कि छह माह तक के बच्चों को यदि दस्त हो जाए, तो माताओं को स्तनपान कराते रहना है। ताकि, शिशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास हो सके।