तिलकामांझी के सुर्खीकल मोहल्ले में चल रहा है अभियान
व्यवसायी मिहिर झा टीम बनाकर लोगों को कर रहे जागरूक
भागलपुर, 22 अक्टूबर।
कोरोना से बचाव को लेकर समाज के अलग-अलग वर्ग के लोग अपने-अपने तरीके से भूमिका निभा रहे हैं। कोई लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रहा है तो कुछ लोग बचाव की सामग्री बांटकर कोरोना काल में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं । तिलकामांझी के सुर्खीकल मोहल्ले के रहने वाले मिहिर झा भी इस मुहिम में लगे हुए हैं। वह ना सिर्फ लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे हैं, बल्कि बचाव की सामग्री भी उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके साथ साथ स्वच्छता के भी अलख जगा रहे हैं।
टेंट हाउस चलाने वाले मिहिर झा कहते हैं कि कोरोना काल जब शुरू हुआ तो हमारा काम बंद हो गया। कुछ दिनों तक तो यह उम्मीद थी कि एक दो महीने की बात है। फिर सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन जब कोरोना काल लंबा खींचता गया तो यह बात समझ में आ गई कि इसमें समाज के लोगों को भूमिका निभानी होगी। टेंट का काम फिलहाल बंद होने से मेरे पास कोई काम था नहीं। बेवजह वक्त बर्बाद हो जा रहा था। मैंने सोचा क्यों ना इसे सही उद्देश्य के लिए खर्च किया जाए।
सुबह- शाम लोगों को किया जागरूक:
सबसे पहले मैंने शाम के वक्त में लोगों को समझाना शुरू किया। प्रतिदिन शाम को 4 से 6 बजे तक मैं अपनी गली में खड़ा हो जाता और लोगों से सामाजिक दूरी का पालन करने की अपील करता था। जब मैंने यह काम शुरू किया तो मेरे साथ मोहल्ले के कुछ और लोग भी जुड़ गए। इसके साथ ही मेरे टेंट हाउस में काम करने वाले लोग भी मेरा साथ देने लगे। इसके बाद मैंने सुबह में भी यह काम शुरू कर दिया। इसका काफी फर्क भी पड़ा। शुरुआत में तिलकामांझी के आसपास के मोहल्लों में कोरोना के काफी मरीज पाए जा रहे थे, लेकिन पिछले कई महीनों से इसकी संख्या बहुत कम रह गई है।
कचरा फेंकने की आदत में कराया सुधार:
लोगों से दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करवाने के बाद फोकस सफाई की ओर गया। इसके बाद में लोगों को सड़क पर या फिर इधर-उधर कचरा फेंकने से मना करने लगा। मैं और मेरी टीम के सदस्य लोगों से नगर निगम के डस्टबिन में हीं कचरा फेंकने की अपील करने लगे । लोगों ने भी इसे सकारात्मक तौर पर लिया। आज आपको तिलकामांझी के सुर्खीकल मोहल्ले में सड़क पर कचरा नहीं दिखेगा। साथ ही लोग भी दो गज की सामाजिक दूरी का पालन करते दिखेंगे ।
लोगों को लापरवाही के प्रति चेताया:
सब कुछ ठीक चल रहा था। इसी दौरान कोरोना के मरीजों की संख्या कम होने लगी तो लोग यह खुशफहमी मान बैठे कि अब कोरोना खत्म हो गया है। पहले लोग बिना मास्क घर से बाहर नहीं निकलते थे, लेकिन जब से कोरोना के मामले कम होने लगे पहले की ही तरह लोगों का आना जाना शुरू हो गया। इसके बाद मैंने लोगों के बीच मास्क बांटना भी शुरू कर दिया। जैसे ही लोग घर से निकले अगर उसने मास्क नहीं पहना है तो उसे मैं और मेरी टीम के सदस्य मास्क देने लगे। इसका नतीजा यह हुआ कि फिर से लोग मास्क पहन कर घर से निकलने लगे हैं।
दुर्गा पूजा में अभियान को किया तेज:
मिहिर कहते हैं कि यहां के लोग थोड़े आस्थावान हैं। वह पूजा पाठ करने से नहीं रुकेंगे। हमारा मकसद रोकना भी नहीं है, लेकिन कोरोना की जो गाइडलाइन है, उसका पालन करते हुए लोगों से पूजा करने की अभी हम लोग अपील कर रहे हैं। 26 अक्टूबर तक हमलोगों ने सुबह से शाम तक अपनी ड्यूटी लगा रखी है। इस दौरान झुंड में चल रहे लोगों से दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करवाते हैं। अगर कोई भी बिना मास्क के दिख गया तो उसे मास्क भी उपलब्ध कराते हैं। टीम के सदस्य के पास सैनिटाइजर भी उपलब्ध है। जरूरत पड़ने पर लोगों का हैंड सैनिटाइज भी कराया जाता है।
कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें .
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंकें .
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें