कोरोना काल में एक बेहतर अवसर हो सकता है डायरेक्ट सेलिंग

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कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ चुकी है और कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। देखा जाए तो वैक्सीनेशन का प्रभाव नहीं दिख रहा है। वहीँ लोगो को अपने स्वस्थ की चिंता सता रही है और उनकी आय पर भी असर पड़ रहा है।

कंज्‍यूमर सेंटिमेंट पर एक सर्वे से पता चलता है कि कोरोना के चलते 80% कामकाजी लोगों की आय में आई कमी आयी है और 90 फीसदी से ज्‍यादा लोगों का मानना है कि भविष्‍य में और भी कठिन समय आ सकता है। कई लोगों को डर है कि वे अपने परिवार की सुरक्षा कैसे कर पाएंगे और साथ ही साथ उन्‍हें हर स्‍तर पर आर्थिक नुकसान की आशंका है।

आय को बढ़ाने के लिए डायरेक्ट सेलिंग एक कारगर उपाय हो सकता है डायरेक्ट सेलिंग कंपनी अपने प्रॉडक्ट्स दुकानों के जरिए सेल करने के बजाय कंज्यूमर्स को सीधे बेचती हैं। एक डायरेक्ट सैलर दूसरे लोगों को सेल्स टीम से जोड़कर अपना डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क खड़ा कर सकता है। डायरेक्ट सैलर को सेल्फ एंप्लॉयड माना जाता है और उसे कमिशन मिलता है। यह इंडिया में डायरेक्ट सेलिंग का सबसे पॉप्युलर मॉडल है। आजकल डायरेक्ट सेलर्स इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल भी करते हैं।

इसी कड़ी में एल्टॉस इंटरप्राइजेज पिछले 21 साल से डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री में एक जाना माना नाम है। कोई व्यक्ति में जो 18 वर्ष से अधिक आयु का है, इसमें शामिल हो सकता है और एल्टॉस का डायरेक्ट सैलर बन सकता है। इससे ना सिर्फ आय में बढ़ोतरी होती है अपितु परिवार की इच्छाओं को पूरा करने का अवसर भी मिलता है।