कोरोना के डर से नवजात को स्तनपान कराना नहीं भूलें

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मां के दूध में कोरोना वायरस होने का नहीं मिला है कोई प्रमाण
स्तनपान नहीं कराने से बच्चे दूसरी बीमारी का हो सकता है शिकार
  भागलपुर, 18 जुलाई
कोरोना वायरस को लेकर लोगों के मन में तमाम तरह के भ्रम हैं। इस वजह से लोग बहुत सारे आवश्यक काम भी डर-डरकर कर रहे हैं। एक भ्रम यह भी है कि स्तनपान कराने से बच्चे को कोरोना हो सकता है, लेकिन अभी तक इसका कोई प्रमाण सामने नहीं आया है। इसलिए नवजात को स्तनपान कराना मां को नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसा करने से दूसरी समस्या हो सकती है।
नारायणपुर पीएचसी प्रभारी डॉ  विजयेंद्र कुमार विद्यार्थी कहते हैं कि स्तनपान के जरिए कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं है और इसलिए कोरोना पीड़ित महिलाएं भी शिशु को अपना दूध पिला सकती हैं। कोरोना से संक्रमित या संक्रमण का संदेह होने पर भी शिशु को अपना दूध पिलाने के लिए मां को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। जब तक मां बहुत ज्यादा बीमार नहीं हैं, बच्चे को उससे अलग नहीं किया जाना चाहिये।
डॉ.  विद्यार्थी कहते हैं कि कहते हैं स्तनपान के जरिये कोरोना संक्रमण का अबतक कोई प्रमाण नहीं मिला है। मां के दूध में जिंदा वायरस नहीं मिला है। इसलिए मां से बच्चे को कोरोना संक्रमण होने का अबतक कोई प्रमाण नहीं है। बच्चों में कोविड-19 का खतरा कम होता है, जबकि कुछ ऐसी अन्य बीमारियों का खतरा अधिक रहता है, जिन्हें स्तनपान के जरिये रोका जा सकता है।
स्तनपान से पहले मां लगाएं मास्क:
स्तनपान से पहले मां को मास्क लगाना चाहिये। शिशु को छूने से पहले और बाद में अपने हाथ धोने चाहिये और नियमित रूप से आसपास की सतहों को साफ और संक्रमणमुक्त करना चाहिए। दरअसल, कई बार देखा गया है कि स्तनपान के दौराम मां को खांसी होने लगती है या फिर अन्य कोई समस्या। उस लिहाज से ऐसा करने से कोरोना के संक्रमण का खतरा कम रहेगा और बच्चे भी सुरक्षित रहेंगे।
यदि मां स्वस्थ नहीं हैं तो कटोरी में निकालकर दें दूध
यदि मां स्वस्थ नहीं हैं और स्तनपान कराने की स्थिति में नहीं है तो वह मास्क पहनकर अपना दूध साफ कटोरी में निकालकर और साफ कप या चम्मच से बच्चे को दूध पिला सकती हैं। इसके लिए भी बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है कि अपना दूध निकालने से पहले हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह से धोएं, जिस कटोरी या कप में दूध निकालें उसे भी साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें।
छह माह से बड़े बच्चों को आहार भी दें
छह माह से बड़े बच्चों को स्तनपान कराने के साथ पूरक आहार देना भी शुरू करना चाहिए। यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास का समय होता है। इस दौरान दाल, दूध, दूध से बने पदार्थ, मौसमी फल और हरी सब्जियां भी देना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से होता है।