• कोरोना की चपेट में आने के बाद भी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे
• नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 सालों से दे रहे हैं अपनी सेवा
भागलपुर, 28 अगस्त
कोरोना काल में हर कोई सावधानी बरत रहे हैं. घर से कम निकल रहे हैं. लोगों से मिलने से बच रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों के सामने दोहरी चुनौती है. उन्हें अपना बचाव करते हुए लोगों की सेवा भी करनी है. खुशी की बात यह है कि बहुत सारे स्वास्थ्यकर्मी इस काम को बखूबी अंजाम दे दे रहे हैं. नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ विनोद कुमार ना सिर्फ मरीजों का इलाज कर रहे हैं, बल्कि उन्हें कोरोना से बचाव के लिए जागरूक भी कर रहे हैं. इस दरम्यान वह कोरोना की चपेट में भी आए, लेकिन स्वस्थ होने के बाद दोबारा अपने काम में लग गए.
डॉ विनोद कुमार कहते हैं उनकी जिम्मेदारी है कि लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करें. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उनकी नियुक्ति डॉक्टर के रूप में है. इस वजह से मरीजों का इलाज तो करना है, लेकिन वह यह समझते हैं कि इस संकट के समय अपनी तरफ से और क्या कर सकते हैं. यही सोच कर वह और उनकी पूरी टीम नारायणपुर प्रखंड के लोगों की सेवा में लगी हुई है. इसका परिणाम भी सामने आने लगा है. कुछ दिन पहले तक लोग जांच कराने से घबराते थे, लेकिन आज ऐसी स्थिति हो गई है प्रतिदिन दो सौ से अधिक लोगों की जांच हो रही है. अब तो कोरोना के मामले भी कम हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद मैं और मेरी पूरी टीम लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रही है.
टीम के सदस्यों का बढ़ा रहे हैं मनोबल: नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ बिजेंद्र कुमार विद्यार्थी कहते हैं कि डॉक्टर विनोद कुमार की जीवटता से हर किसी को सीख लेनी चाहिए. कोरोना काल में इन्होंने जिस प्रकार अपने कर्तव्य का निर्वाहन किया है वह काबिलेतारीफ है, खुद तो आगे बढ़कर काम किया ही. साथ में टीम के सदस्यों का भी मनोबल बढ़ाया. यही वजह है कि नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम कोरोना काल में बेहतर तरीके से अपनी जिम्मेदारी को निभा रही है. सबसे प्रेरणा वाली बात यह है कि कोरोना की चपेट में आने के बाद वह अपने कर्तव्य से नहीं डिगे. स्वस्थ होते ही अपने काम में टीम के साथ फिर से लग गए.
मरीजों में विश्वास का दूसरा नाम बन चुके हैं डॉक्टर विनोद कुमार: नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 10 साल से डॉ विनोद कुमार अपनी सेवा दे रहे हैं. क्षेत्र का हर व्यक्ति इनके नाम से वाकिफ है. कई मरीज तो इनके समय में इलाज कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आते हैं. क्षेत्र के लोगों के लिए विश्वास का दूसरा नाम बन गए हैं डॉक्टर विनोद कुमार.
परिवार से दूर रहकर भी कर्तव्य से नहीं हट रहे पीछे: कोरोना काल में जब हर कोई अपने परिवार के सदस्यों के साथ रहना चाह रहा है तो ऐसे समय में डॉ विनोद कुमार अपने परिवार से दूर हैं. नारायणपुर में अकेले रहते हैं. परिवार के बारे में पूछने पर वह कहते हैं कि घर परिवार के सदस्य से सुबह-शाम फोन पर बात हो जाती है. अभी संकट का समय है. जिन मरीजों का वह पिछले 10 साल से इलाज कर रहे हैं , वह उनकी तरफ आस भरी नजरों से देख रहे हैं. ऐसे में उन्हें छोड़कर वह कैसे जा सकते हैं.