डॉ० भारती कश्यप राष्ट्रीय आई.एम.ए. द्वारा तीसरी बार पुरस्कृत

935

 

झारखण्ड की सुविख्यात नेत्र चिकित्सक डॉ० भारती कश्यप को आज नई दिल्ली के आई.एम.ए. हाऊस में ‘वुमन एम्पावरमेण्ट अवार्ड’ से नवाजा गया। उन्हें यह सम्मान डॉ. जयश्रीबेन मेहता, अध्यक्ष, एम.सी.आई. और डॉ. रवि वानखेडकर, राष्ट्रिय अध्यक्ष, आई.एम.ए. के द्वारा प्रदान किया गया। डॉ० भारती कश्यप को यह सम्मान झारखण्ड में नारियों के उत्थान के लिए किये गये उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया। उन्होंने झारखण्ड की जनजातीय तथा आदिम जनजातीय महिलाओं तथा बच्चों के लिए न सिर्फ नेत्र चिकित्सा के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए निरन्तर कार्य किया है, बल्कि उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में नेतृत्वकर्ता की भूमिका भी निभायी है। यही नहीं, उनके द्वारा झारखण्ड में चलाये गये सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान को व्यापक सराहना और समर्थन मिला है। उनकी इन्ही सामाजिक सरोकारों से जुड़ कर किए गये कार्यों के फलस्वरूप नेशनल आई.एम.ए. वर्ष 2017 में “डॉक्टर ऑफ़ द ईयर” एवं वर्ष 2014 में “मेड एचीवर” अवार्ड से उन्हें सम्मानित कर चुका है। इस समारोह में डॉ. एरिका पटेल, डॉ. जैस्मीन कौर दहिया, डॉ. नीलम मिश्रा, डॉ. नीलम मोहन, डॉ. राजेश्वरी अम्मा एस.के. और डॉ. स्वाती भवे को भी सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय आई.एम.ए. के महिला सशक्तिकरण सम्मानसे सम्मानित हुई डॉ० भारती कश्यप

डॉ. रवि वानखेडकर, राष्ट्रिय अध्यक्ष, आई.एम.ए. ने समारोह में बताया की उनका मुख्य फोकस यंग मेडिकल स्टूडेंट्स और महिला डॉक्टर्स को सशक्त करने पर है। वीमेन डॉक्टर्स विंग को सशक्त बनाये विना हम सशक्त आई.एम.ए. की परिकल्पना नहीं कर सकते।

बताते चलें कि डॉ० भारती कश्यप को विगत मार्च 2018 में भारत के राष्ट्रपति महोदय द्वारा वर्ष 2017 का ‘नारी शक्ति सम्मान’ प्रदान किया गया है।

वर्ष 2014 अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर डॉ. भारती कश्यप को माननीय मोदी जी के कार्यक्रम “चाय पर चर्चा” में सम्मिलित किया था। इस कार्यक्रम में पूरे देश से 6 महिलाओं को आमंत्रित किया गया था।

इसके अलावा उन्हें कई अंतराष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त हो चुके हैं। 22 से 26 सितम्बर, 2018  तक आयोजित यूरोपियन सोसाइटी ऑफ़ कैटरेक्ट एंड रेफ्राक्टिव सर्जरी (ESCRS) की वार्षिक कांफ्रेंस के दौरान 24 सितम्बर, 2018 को वियना, आस्ट्रिया में आयोजित समारोह में प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ० भारती कश्यप को “ब्रिटिश ओफ्थाल्मिक एक्सीलेंस अवार्ड” के द्वारा सम्मानित किया गया। वर्ष 2017 में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ कैटरेक्ट एंड रेफेरेक्टिव सर्जरी फाउंडेशन के द्वारा डॉ. भारती कश्यप को सम्मानित किया गया। यह दोनों अंतराष्ट्रीय सम्मान उन्हें झारखण्ड के दूरदराज एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय, आदिवासी, गरीब लोगों एवं बच्चों के लिए निःशुल्क नेत्र चिकित्सा एवं ऑपरेशन शिविरों के आयोजनों के फलस्वरूप उन्हें इस सम्मान से समानित किया गया। विगत 18 अप्रैल, 2018 को अमेरिकी संस्था सर्विस बियॉन्ड बॉर्डर के द्वारा डॉ. भारती कश्यप को महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर एवं एनीमिया की रोकथाम के लिए पूरे झारखण्ड में खास करके जनजातिय क्षेत्रों में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के फलस्वरूप अमेरिका के वाशिंगटन डी.सी. में अंतराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया था।

इसके पूर्व वर्ष 2017 में डॉक्टर ऑफ़ द ईयरएवं वर्ष 2014 में मेड एचीवरअवार्ड से नेशनल आई.एम.ए. के द्वारा हो चुकी हैं सम्मानित

डॉ० भारती कश्यप ने कहा कि यह मेरे लिए बेहद गौरव का क्षण है। यूँ तो मेरे कार्य को देश-विदेश मे काफी सराहना मिली है लेकिन जब भी अपने देश में आपके काम को पहचाना जाता है तो लगता है कि आपके प्रयासों को सार्थकता मिल रही है! एक अनूठा आत्मबल मिलता है जो मुझे और ऊर्जा, और उत्साह दे जाता है। ऐसा लगता है जैसे उन तमाम आदिवासी, जनजाति और आदिम जनजाति के साथ साथ कमजोर वर्ग की महिलाओं और बच्चों के दुआ में उठे हाथ, एक साथ मुझे आशीष दे रहे हैं।  मैं बहुत विनम्रतापूर्वक कहना चाहती हूँ कि मैंने तो अपने कर्तव्य का एक बेहद छोटा सा अंश पूरा किया है। आगे मुझे इसी प्रकार लोगों का प्यार और ईश्वर की प्रेरणा मिलती रही तो मैं अपनी क्षमता के अनुरूप कुछ और बेहतर करने का प्रयास करुँगी।

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि झारखण्ड से आयीं डॉ० भारती कश्यप ने संयुक्त झारखण्ड-बिहार में कश्यप मेमोरियल आई हास्पिटल तथा कश्यप मेमोरियल आई बैंक के बैनर तले अपने चिकित्सीय जीवन की शुरुआत की थी।  अस्पताल में आनेवाले मरीजों के हालात और उनकी मजबूरियों को करीब से देखने के बाद उनके अन्दर अपने काम को सामाजिक सरोकार से जोड़ने की ईच्छा जगी। खास कर सुदूर बसने वाले आदिम जाति और आदिवासी जातियों को अंधत्व का शिकार होते देखकर इनके हृदय में संवेदना प्रबल होती गयी और इन्होंने निःशुल्क आई कैम्पों का शुभारम्भ किया। फिर तो कैम्पों में नेत्रों की जाँच और कश्यप मेमोरियल आई हास्पिटल में लाकर बच्चों एवं बुजुर्गों का ऑपरेशन, चश्मे का वितरण आदि का एक सिलसिला सा चल निकला जो वर्षों से आज भी जारी है। सारण्डा, पलामू, खूंटी, लातेहार, गढ़वा, संथालपरगना, राँची आदि कई जिलों के सैकड़ों गांवों के लाखों लोगों को दृष्टि का अमूल्य उपहार देने में डॉ० भारती कश्यप अग्रणी रही हैं। मोतियाबिंद से ग्रसित बच्चों, चश्में की जरुरत वाले स्चूली छात्र एवं ट्रक ड्राईवर जैसे नेत्र के उपयोग से जीवन-यापन करनेवाले लोगों के लिए आपने जो काम किया है वह निश्चय ही पुरस्कार के योग्य रहा है। नेत्रदान के प्रति जागरूकता लाने के लिए वर्ष 2005 से प्रति वर्ष लगातार राष्ट्रिय नेत्रदान पखवाड़ा में “रन फॉर विज़न” जैसे कार्यक्रम का आयोजन करते आ रही हैं। संयुक्त बिहार–झारखण्ड का पहला नेत्र प्रत्यारोपण करने का श्रेय भी उन्हें ही प्राप्त है।

डॉ. भारती कश्यप के नेत्रित्व में वीमेन डॉक्टर्स विंग आई.एम.ए. झारखण्ड के द्वारा झारखण्ड के दूरदराज के आदिवासी एवं जनजातीय बहुल क्षेत्रों में महिलाओं के लिए लगातार स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहे हैं। इन स्वास्थ्य शिविरों में सर्वाइकल प्री-कैंसर से ग्रसित महिलाओं का कॉल्पोस्कोपी गाइडेड क्रायो ट्रीटमेंट कर उन्हें कैंसर मुक्त किया जा रहा है तथा उन्हें एक नया जीवन दिया जा रहा है। ज्ञातव्य हो सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में प्री-कैंसर के स्टेज में वर्षों तक रहता है और इसी स्टेज में इलाज करने पर यह पूरी तरह ठीक हो जाता है। इसके अलावा शिविरों में ही जननांग संबंधित इन्फेक्शन के उपचार के लिए किट-2 और किट-6 की गोलियाँ मुफ्त बांटी जा रही है। महिलाओं को आयरन फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियाँ भी मुफ्त बांटी जा रही है। इन शिविरों में निरंतर उनके द्वारा चितरंजन कैंसर इंस्टिट्यूट, कोलकाता, राजीव गाँधी कैंसर इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर, दिल्ली एवं अमेरिका के वरीय स्त्री कैंसर रोग विशेषज्ञों की टीम को लाकर झारखण्ड के सभी सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों के प्रशिक्षण भी प्रदान कराया जा रहा है।

मर्दों में मुह के कैंसर का जो प्रतिशत है उस से कही ज्यादा प्रतिशत महिलाओं में सर्वाइकल एवं ब्रेस्ट कैंसर का है। भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर का 44.2% ब्रेस्ट एवं सर्वाइकल कैंसर का है। भारत में प्रति घंटे 6.8 महिलाओं की मृत्यु सर्वाइकल कैंसर से होती है।

 

इन बहुआयामी दायित्वों के निर्वहण के साथ साथ आपने शोध और अध्ययन में भी अपनी दक्षता को साबित किया है। आपके शोध पत्र देश-विदेश के शोध पत्रों में न सिर्फ प्रकाशित हुए बल्कि इनके लिए आपको सराहना और सम्मान भी मिलता रहा है।

डॉ० भारती कश्यप के सामाजिक सरोकार, सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान, विजन फॉर यंग झारखण्ड अभियान एवं नेत्रदान जागरूकता अभियान और अंधत्व के खिलाफ उनके जंग की प्रतिबद्धता न सिर्फ प्रणम्य है वरन् झारखण्ड के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह कहना उचित होगा कि आज जिस नारी सशक्तिकरण सम्मान से उन्हें नवाजा जा रहा है, वो उसकी न सिर्फ एक योग्य पात्रा हैं, वरन् उनकी कीर्ति से इस सम्मान का गौरव भी बढ़ा है।