करहरिया स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 148 में कार्यरत सेविका प्रधान सुमन लता की कहानी
बच्चों की माताओं को लोगों को कुपोषण को लेकर कर रही जागरूक
बांका, 31 अगस्त
कोरोना काल में हर किसी की चुनौतियां बढ़ गई हैं. स्वास्थ्य विभाग से लेकर आंगनबाड़ी तक में काम करने वाली सेविका सहायिका तक अपनी जिम्मेदारी बढ़-चढ़कर निभा रही हैं. करहरिया स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या -148 में कार्यरत सेविका सुमन लता को ही देख लीजिए. कोरोना से पहले ये 160 बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी उठा रही थी. कोरोना काल शुरू हुआ तो घर-घर जाकर बच्चों में पोषण के लिए जागरूक कर रही हैं. आंगनबाड़ी केंद्र अभी बंद है तो बच्चों के घर-घर जाकर उनके परिजनों को पोषण के प्रति ध्यान रखने को कह रही हैं. उन्हें समझा रही हैं कि इस उम्र में बच्चों का किस तरीके से देखभाल करनी चाहिए. कुमारी सुमनलता कहती हैं कि हमारी आंगनबाड़ी केंद्र में जितने भी बच्चे हैं सभी के घरों में जाकर उनके परिजनों को उचित देखभाल की सलाह दे रही हैं. उन्हें बता रही हूं कि कोरोना काल में अपनी सुरक्षा के साथ बच्चों की देखभाल किस तरीके से कर सकती हैं. सुमन लता कहती हैं कि इन छोटे-छोटे बच्चों को देखभाल करते-करते इन पर हमारा लगाव बढ़ गया है.
पोषण अभियान को जनआंदोलन में कर रही हैं तब्दील: सेविका सुमनलता कुपोषण के खिलाफ जंग को आसान बनाने की दिशा में नियमित रूप से गृह भ्रमण कर कुपोषित बच्चों की पहचान करने के साथ माताओं, बच्चों और स्थानीय लोगों को जागरूक करने में वह महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं. सुमनलता कहती है कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया पोषण अभियान का मुख्य लक्ष्य पोषण पर जनभागीदारी बढ़ाकर इसे जनांदोलन में तब्दील करना है. पोषण पर जन-भागीदारी को सुनिश्चित करने के साथ कुपोषण स्तर में कमी लानी है. इनके प्रयास का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है. पोषण को लेकर ना सिर्फ जागरूकता बढ़ाना है बल्कि लोगों के व्यवहार में भी बदलाव लाना है.
माताओं को बता रहे स्तनपान के महत्व: सेविका सुमनलता पोषण अभियान के दौरान माताओं को स्तनपान के महत्व को भी बता रही हैं जिससे आज इलाके की महिलाओं में जागरूकता आई है. बच्चों को संपूर्ण आहार के बारे में भी जानकारी दे रही हैं. जिससे की बच्चे कुपोषण के शिकार न हो.
आंगनबाड़ी केंद्र में 160 बच्चों की करती हैं देखभाल: कुमारी सुमनलता करती हैं करहरिया स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 148 के 160 बच्चें की देखभाल से लेकर उसे पढ़ाई के प्रति जागरूक भी करती हैं. बच्चों को बताती हैं कि किस तरह से पढ़ाई करना चाहिए ताकि आगे आसानी हो. इस काम में उनका सहायिका भी सहयोग करती हैं. सुमन के कार्य से लोगों में जागरूकता आई है.
स्थानीय लोग भी कर रहे तारीफ: करहरिया मोहल्ले के स्थानीय लोग बताते हैं कि जिस प्रकार से सुमनलता ने अपने पोषक क्षेत्र में काम किया है इससे इस इलाके में काफी जागरूकता आई है. बच्चे स्वस्थ हैं और परिवार में प्यार भी बढ़ा है.
बहरहाल, सेविका सुमनलता अपने क्षेत्र में कुपोषण को खत्म करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं, उनका कहना है कि इस कार्य में सबका सहयोग चाहिए. इस मुहिम में आम महिलाओं सहित समाज के सभी लोगों का सहयोग चाहिए तभी यह मुहिम सफल होगी. आज जिस प्रकार से महिला जागरूक हुई हैं इससे यह तय है कि इस क्षेत्र में कुपोषण से मुक्ति मिल जाएगी