• स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने पत्र जारी कर जिला पदाधिकारी व सिविल सर्जन का दिये निर्देश
• होम आइसोलेशेन में अड़चनों को ध्यान में रख हुई पहल, उनकी समुचित देखभाल को प्राथमिकता
लखीसराय , 20 जुलाई: राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड 19 की रोकथाम व लोगों की जांच में जुटे फ्रंटलाइन वर्कर्स व चिकित्साकर्मियों को पेड आइसोलेशन की सुविधा प्रदान की जायेगी. इस सुविधा के तहत बिना लक्षणवाले चिकित्साकर्मी स्वयं को आसानी से आइसोलेट कर सकेंगे. ताकि संक्रमण के फैलाव को पूर्णत: रोका जा सके. सरकारी खर्च पर होटलों में आइसोलेशन को लेकर प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत ने इस दिशा में पत्र के माध्यम से दिशा निर्देश जारी किया है.
इन तथ्यों को ध्यान में रख विभाग ने उठाये हैं कदम:
पत्र में कहा गया है कि कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर इस रोग के चिकित्सकीय प्रबंधन की समुचित व्यवस्था की जा रही है. राज्य के सरकारी अस्पतालों, जिलास्तरीय स्वास्थ्य कार्यालयों में कार्यरत कई चिकित्सक एवं पारा चिकित्साकर्मियों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के हाल के दिनों में कोविड 19 से संक्रमित होने की सूचना के उपरांत उनकी समुचित देखभाल किया जाना आवश्यक है. हालांकि कोविड पॉजिटिव अलक्षणात्मक चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों को सर्शत होम आइसोलेशन की सुविधा प्रदान की गयी है, लेकिन कई स्वास्थ्यकर्मी किराये के मकान में रहते हैं और उनके संक्रमित होने के फलस्वरूप होम आइसोलेशन में अड़चन आ सकती है. साथ ही उन्हें घर पर सेल्फ आइसोलेशन एवं अन्य पारिवारिक संपर्क को क्वारेंटाइन करने की आवश्यक सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकती है.
स्वास्थ्य विभाग वहन करेगा पेड आइसोलेशन का खर्च:
इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अब चिकित्सक, चिकित्साकर्मियों व फ्रंटलाइन वर्कर्सों के कोविड पॉजिटिव लक्षणात्मक या अलक्षणात्मक होने पर पेड आसोलेशन के रूप में होटल की सुविधा प्रदान की जानी है. साथ ही होम आइसोलेशन में कठिनाई होने पर भी उन्हें यह सुविधा प्रदान की जानी है. स्वास्थ्यकर्मियों के पेड आइसोलेशन में रहने की अवधि में होने वाले व्यय का भुगतान स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर किया जायेगा.
प्रति कमरा अधिकतम 3000 रुपये किये गये हैं निर्धारित:
प्रमंडलीय मुख्यालय के जिलों के होटल के लिये प्रति कमरा भोजन सहित अधिकतम 3000 रुपये एवं अन्य जिला के होटल हेतु प्रति कमरा भोजन सहित अधिकतम 2500 रुपये का निर्धारण किया गया है. संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों के लिए होटल में कमरा आरक्षित होने अर्थात बेड आॅक्यूपाइड होने की तिथि से ही भुगतान किया जायेगा. वहीं पत्र में कोविड पॉजिटिव चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों में कोरोना संबंधित किसी भी प्रकार का लक्षण आने पर उसकी गंभीरता को ध्यान में रख कर चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में उनको भर्ती किये जाने को प्राथमिकता भी देनी है