दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। वायु की गुणवत्ता का लेवल दिल्ली-एनसीआर में अभी भी सामान्य से कई गुना ज्यादा खराब है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने दिल्ली में बढ़ते जानलेवा प्रदूषण पर गहन चिंता व्यक्त कर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण की समस्या को लेकर गंभीर नहीं है और अब वह हर स्तर पर फेल होती नजर आ रही है। दिल्ली में जानलेवा दम घोटू वायु की सांसे लेने को मजबूर दिल्ली की जनता त्रस्त है। एम्स, सफदरगंज, जीबी पंत, पटेल चेस्ट और जीटीबी अस्पताल सहित दिल्ली के दूसरे अस्पतालों में अस्थमा और हृदयघात के मरीजों की संख्या 30 प्रतिशत बढ़ गई है। एक दिन में 60 सिगरेट पीने के बराबर प्रदूषण हमारे फेफड़ों व खून की नलिकाओं में पहंुच रहा है जिसके कारण प्रदूषण के बारीक कण हमारी खून की शिराओं में पहुंचकर दिल और दिमाग पर असर डाल रहे हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार पिछले 4 सालों मंे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये किये गये अपने तमाम वायदों, चाहे वो सड़कों की पीडब्ल्यूडी द्वारा मैकेनिकल सफाई हो, पानी का छिड़काव हो, वृक्षारोपण हो, निर्माण कार्य पर रोक हो, एयर प्यूरिफायर लगवाने की बात हो, हर स्तर पर विफल रही है। पराली जलाने की घटना में बीते 11 नवंबर से ही कमी देखी जा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री का दूसरे राज्यों पर प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी को लेकर जिम्मेदार बताना सरासर बेबुनियाद है। केजरीवाल सरकार प्रदूषण पर दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य के प्रति उदासीन नजर आ रही है। दम घोटूं सीने को जलन से भर देने वाली वायु की सांस को लेने के लिये दिल्ली की जनता मजबूर है।