पटना। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव के परिवार के साथ हुई घटना को स्वराज इंडिया पार्टी बिहार की एक आपात बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कहा गया कि स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव अब किसान-विरोधी मोदी सरकार के निशाने पर हैं। रेवाड़ी जिले में संपन्न हुई नौ दिवसीय स्वराज पदयात्रा के एक ही दिन बाद सरकार ने योगेंद्र यादव के परिवार वालों को निशाना बनाकर धमकाने की कोशिश की है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को ही योगेंद्र यादव की रेवाड़ी में पदयात्रा पूरी हुई। परसों ही स्वराज इंडिया ने किसानों को एमएसपी दिलाने और शराब का ठेका बंदी के आंदोलन का भी ऐलान किया था। कल जब हरियाणा के कृषि मंत्री से पत्रकारों ने स्वराज यात्रा के बारे में पूछा तो वे बौखलाए थे। ज्ञात हो कि एक दिन बाद ही देश भर के किसान आंदोलन ंपोबब की बैठक में मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रणनीति तय कर रहे हैं। कल सुबह 11 बजे के करीब रेवाड़ी में दो हस्पतालों, कलावती हस्पताल और कमला नर्सिंग होम पर एक साथ इनकम टैक्स और पुलिस के करीब सौ कर्मचारियों ने रेड की। ये दोनों हस्पताल योगेंद्र यादव की दो बहन, जीजा और भांजे चलाते हैं। इन दोनों हस्पतालों ने कानून सम्मत तरीके से स्वराज इंडिया को चंदा दिया है।
ख़बर है कि कार्यवाई के दौरान डॉक्टरों को केबिन में बंद कर दिया गया। हस्पताल (जिसमें नवजात बच्चों का आईसीयू भी है) सील कर दिया और बच्चों के मां बाप को भी अंदर जाने नहीं दिया गया। यह बयान भेजे जाने तक रेड जारी थी और उसके रात को भी चलते रहने की संभावना है। बैठक को संबोधित करते हुए स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. सोमनाथ त्रिपाठी ने बताया कि योगेन्द्र यादव ने कहा है कि उन्हें छुपाने को कुछ भी नहीं है, सरकार जो जांच चाहे कर ले। प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करते हुए उन्होंने पूछा, “मोदी जी, मेरी जांच करो, मेरे घर रेड करो, मेरे परिवार को क्यों तंग करते हो? डराने धमकाने की ऐसी कोशिशों से आप मुझे चुप नहीं कर सकते। आगे भी देश के किसान और नौजवान की आवाज़ बुलंद करता रहूंगा।“ ’
स्वराज इंडिया के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ रणजीत कुमार ने सरकार के इस कार्यवाई को कायराना बताते हुए कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की आँख में धूल झोंकने के हरसम्भव प्रयास किये। साथ ही युवाओं के रोज़गार के नाम पर आंकड़ों से खेलकर भ्रम फैलाने की कोशिश करते रहे। लेकिन हर बार योगेंद्र यादव ने सरकारी झूठ और तिकड़मबाजीयों की पोल खोली और देश के किसानों और नौजवानों की ईमानदार आवाज़ बने रहे। एक तरफ जहाँ मोदी-शाह की जोड़ी देश को हिन्दू मुसलमान के नाम पर बांटना चाहती है, तो दूसरी तरफ स्वराज इंडिया और योगेंद्र यादव किसान नौजवान को सकारात्मक राजनीति के केंद्र में लाने की कोशिश करते रहे हैं। इसी कारण से शायद सरकार को योगेंद्र जी से इतनी ज़्यादा दिक्कत और घबराहट हो गयी है कि सरकारी तंत्र के जरिये उनके परिवार वालों को डराने धमकाने की घटिया कोशिश हो रही है।“
पार्टी के महासचिव शिवजी सिंह ने कहा कि योगेन्द्र जी के माध्यम से सभी किसान नेताओं को अपना मुंह बंद रखने की चेतावनी दी जा रही है। लेकिन अब किसान चुप रहने वाले नहीं हैं।“ बैठक को यूथ फार स्वराज के बिहार के संयोजक सुनील एवं कई अन्य युवा नेताओं ने संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने इस पूरी घटना की निंदा करते हुए प्रस्ताव पारित किया।