नई दिल्ली –
पड़ोसी देश पाकिस्तान में संसदीय चुनाव होने के बाद चुनावी परिणाम भी सबके सामने आ चुके है. पाकिस्तान में हुए संसदीय चुनाव में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी ओर पाकिस्तान तहरीक- ए – इंसाफ (PTI) को 272 सीटों में से 115 सीटों पर जीत मिली है और पार्टी इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन स्पष्ट बहुमत न मिलने से सरकार तहरीक- ए – इंसाफ भी सरकार नहीं बना पा रही है.
पाकिस्तना में किसी भी पार्टी को स्पषट बहुमत न मिलने से वहां राजनितीक अस्थिरता पैदा हो गई है। वहीं इमरान खान को पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बनने की बात चारो और फैली हुई है. वहीं पाकिस्तान में विपक्षी दल एक अलग ही राग अलाप रहै है. सभी राजनितिक दल चुनाव में धांधली की बात को कह रहे है और पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक- ए – इंसाफ) के खिलाफ उतर आए है. इसका असर ये दिख रहा है कि किसी भी पार्टी की सरकार पाकिस्तान में बनती नजर नहीं आ रही है.
कोई भी दल पीटाई को समर्थन देने को तैयार नहीं
पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में इमरान खान की पार्टी पीटीआई सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई तो है लकिन पाकिस्तान में सरकार बनाने में स्पषट बहुमत के आकड़े को छूने में सफल नहीं हो पाई है. वहीं बात अगर किसी भी पार्टी द्वार पीटीआई को समर्थन देने की करे तो फिलहाल कोई भी राजनीतिक दल पीटीआई को समर्थन देने को तैयार नहीं है. इस कारण से पाकिस्तान की राजनीति में अस्थिरता पैदा हो गई है. इसके अलावा पाकिस्तान की अन्य राजनीतिक पार्टियां इस चुनाव को सिरे से खारिज करने की मांग की है और फिर से स्पषट और पार्रदर्शी चुनाव कराने की मांग कर रही है.
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अन्य दलों ने की बैठक
इस बात को लेकर बताया जा रहा है कि सभी राजनीतिक दलों ने बिते दिन शुक्रवार को बैठक भी की है। इस बैठक की अध्यक्षता PML-N (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) के अध्यक्ष औऱ पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ औऱ MML ( मुत्ताहिदा मजलिस- ए- अमल ) पार्टी के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने की. इस बैठक में MML के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि वें इस चुनाव को जनादेश नहीं मानते है.
उन्होने इसे चोरी का जनादेश भी कहा. उन्होनें कहा PTI के चुने हए सांसदों को संसद में धुसने नहीं देने की बात कही. इसके अलावा उन्होंने इस बातत को भी कहा कि पाकिस्तान में किसी को लोकतंत्र को बंधक बनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. पाकिस्तान में किसी भी पार्टी बहुमत न मिलने से फिलहाल कोई भी पार्टी सरकार तो नहीं बना पा रही है और वहीं चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी पीटीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौति बहुमत के आकड़े के जुटाने की है. .