रक्षाबंधन का अपना विशेष महत्व , इस बार 26 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन का त्योहार

1093

 

 

 

नई दिल्ली –

भाई और बहन का अनोखा त्योहार रक्षाबंधन का अपना विशेष महत्व है. हिन्दू धर्म में रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. हर साल की तरह इस बार भी भाई बहन का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाएगा. इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 26 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहन का एक अनोखा त्योहार है. इस दिन बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है और अपने भाई की कुशल मंगल रहने की कामना करती है और साथ ही भाई भी अपने बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है.

 

ये भी पढ़े : राहुल ने आरएसएस की विचारधारा को बताया अरब जगत के मुस्लिम ब्रदरहुड जैसा, भाजपा ने किया पलटवार

 

ये दिन भाई और बहन के लिए काफी अहम होता है. इस दिन बहन द्वारा अपनी कलाई पर राखी बाधने पर भाई अपनी बहन को भेंट (उपहार) देकर बहनों को उसकी रक्षा का वचन देते है.रक्षाबंधन पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है और साथ ही इस त्योहार को लोग उतने ही उत्साह से मनाते है जिस तरह लोग दीपावली दशहरा, होली और ईद मनाते है.  रक्षाबंधन के दिन बाजारों में भी खूब रौनक रहती है और इस दिन बाजार तरह- तरह की राखियों और मिठाइयों और तरह- तरह के गिफ्टस से भरे रहते है.

 

 

इस दिन बाजारों की रौनक देखते ही बनती है. भाई बहन का ये पर्व हिंदू धर्म का एक अनोखा पर्व है जिसका अलग ही महत्व है. वहीं बात अगर इसकी करे की रक्षाबंधन का पर्व क्यो मनाया जाता है तो इसकी कई धार्मिक और ऐतहासिक कारण है. धार्मिक कारण भी कई है जिनमें एक यह है कि महाभारत काल में जब भगवान श्री कृष्ण ने जब सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया तब भगवान श्री कृष्ण के तर्जनी में चोट आ गई थी. तब द्रोपदी ने उस समय अपनी साड़ी का आचल फाड़कर उसे  भगवान श्री कृष्ण की अंगुली पर पट्टी के रूप में बांध दिया था.

 

 

ये दिन श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था. इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने द्रोपदी के चीर हरण के समय द्रोपदी की लाज बचाकर भाई का धर्म निभाया था. वहीं बात अगर भाई बहन के इस पवित्र  त्योहार रक्षाबंधन के पर्व को मनाने के एतहासिक कारणों की करे तो इसका एक ऐतहासिक कारण यह है कि मुगल काल में बादशाह हुमायूं चित्तौड़ पर आक्रमण करने वाला था. इसी बीच राणा सांगा की विधवा कर्मवती ने हुमायूं को राखी भेजकर रक्षा का वचन ले लिया. इसके बाद मुगल बादशाह हुमायूं ने चित्तोड़ पर हमला नहीं किया.

 

 

इसके साथ ही आगे चलकर हुमायूं ने उसी राखी की खातिर चित्तोड़ की रक्षा के लिए बहादुरशाह के विरूद्ध लड़ते हुए कर्मवती और उसके राज्य की रक्षा के लिए आगे आए. भाई और बहन का अनूठा त्योहार रक्षाबंधन कई मायनों में खास होता है. इस दिन भाई कहीं भी रहे अपनी बहन से राखी बंधवाने जरुर जाता है. भाई बहन का ये पर्व भारत के  कोने – कोने में मनाया  जाता है.