शिक्षक अपनी जिम्मेवारी को समझें- एपी मित्तल, मेम्बर सेक्रेटरी, एआईसीटीई

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-सीईजीआर का गाजियाबाद व सुंदरदीप चैप्टर लांच।

-फैकल्टी ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

नईदिल्ली-

सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च (सीईजीआर) एवं सुंदर दीप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के संयुक्त तत्वाधान में सुंदर दीप इंस्टीट्यूशन के प्रांगण में एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें विद्जन ने कहा कि आज शिक्षक को अपनी गुणवत्ता को सुधारने की जरूरत है।

वर्कशॉप की शुरुआत में अतिथियों को स्वागत करते हुए सुंदर दीप ग्रुप ऑफ इस्टीट्यूशन के एक्ज्क्यूटिव डायरेक्टर अंजू सक्सेना ने कहा कि सीईजीआर बेहतरीन कार्य कर रहा है। आज इनके साथ यह वर्कशॉप से फेकल्टी को लाभ मिला है। इस मौके पर सीईजीआर के निदेशक रविश रोशन ने कहा कि सीईजीआर समय समय पर ऐसे प्रोग्राम करते रहता है जिससे की शिक्षक की गुणवत्ता में सुधार हो सके। इस खास मौके पर सीईजीआर ने गाजियाबाद चैप्टर और सुंदरदीप चैप्टर को लांच किया।

एआईसीटीई के मेम्बर सेक्रेटरी एपी मित्तल ने एसेसमेंट एंड एक्रेडेशन के वर्कशॉप में कहा कि आज शिक्षकों को अपनी जिम्मेवारी लेनी चाहिए। अगर शिक्षक अपने आपको सुधार लेगें तो सिस्टम और सोसायटी में भी सुधार आ जाएगा। मित्तल ने कहा कि आज शिक्षकों को खुद को बदलना होगा। तभी विद्यार्थियों में एम्पलायबिलिटी स्कीलस आ पाएगी। इसके लिए सिस्टम को दोष न देकर आगे कदम बढ़ाने की जरूरत है। एपी मित्तल ने सेंटर फोर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च के द्वारा आयोजित वर्कशॉप में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया। इस वर्कशॉप का विषय था-एसेसमेंट एंड एक्रेडेशन फॉर फ्यूटर।

सीईजीआर के प्रेसिडेंट व हिमालयन गड़वाल यूनिवर्सिटी के वाइस चासंलर एनके सिन्हा ने कहा कि आज एक्रेडेशन के प्रोसेस को समझने की जरूरत है। एलुमिनी के महत्ता को भी समझने की जरूरत है। टीचिंग एक प्रोसेस एवं टीचिंग में रिसर्च, सेमिनार, ग्रुप डिस्कशन, क्विच सभी आता है। इस मौके पर एनके सिन्हा ने बताया कि देश भर में मात्र 8-10 फीसदी यूनिवर्सिटी एवं कॉलेज एक्रेडेट हैं।

इस मौके पर विवेकानंद इस्टीयूशन के प्रिसिंपल अनुराधा जैन ने एक्रेडेशन के प्रोसेस के बारे में बेहतरीन ढ़ंग से बताते हुए कहा कि इसमें जो भी अंक मिलते हैं वह काफी महत्वपूर्ण है। इसलिए प्रोसेस को समझना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऑब्जेक्टिव इस मोर, सब्जेक्टिव इस लेस। जैन ने बेहतरीन ढ़ंग से प्रोसेस और हर केटेगरी के बारे में न्यू फॉरमेट को दिखाते हुए जानकारी दी।

तीर्थंकर महावीर यूनिर्सिटी के डीन प्रो. केके पांडे ने कहा कि एक्रेडेशन के प्रोसेस को समझने की जरूरत है, अगर मैनेजमेंट भी साथ दे तो एक्रेडेशन में ज्यादा समय नहीं लगता है। सीईजीआर के ऑउटरीच कमेटी के चेयरमैन निमित्त गुप्ता ने टीचिंग क्या है और एक्रेडेशन क्यों जरूरी है इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी। आईटीएस के डायरेक्टर प्रो.अजय कुमार ने कहा कि आज एक्रेडेशन का प्रोसेस को समझने के लिए मैनेजमेंट और फैकल्टी को आपस में तालमेल से कार्य करने की जरूरत है एवं उन्होंने कुछ इंटरनेशनल रैंकिंग एवं एक्रेडेशन के बारे में पूरी जानकारी दी। वर्कशॉप का समापन रविश रोशन के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।