स्मार्ट टीम लीडर ही दे सकता है बेहतर आउटपुट- प्रो.पीयूष रंजन

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नई दिल्ली।

किसी भी राजनीतिक व आर्थिक व्यवस्था में एक कुशल लीडर की मांग सबसे अधिक होती है। लीडरशिप स्किल का तात्पर्य सिर्फ राजनीति से ही नहीं है बल्कि बिजनेसव्यापारनौकरी और इंडस्ट्रीज में भी उतना ही है।

एसोसिएशन ऑफ लीडर्स एण्ड इंडस्ट्रीज (एली) के डायरेक्टर जनरल प्रो. पीयूष रंजन का कहना है कि किसी भी इंडस्ट्रीज या कंपनी को उसके खास मुकाम तक पहुंचाने में एक कुशल लीडर का ही हाथ होता है। उदाहरण के तौर पर एप्पल इंक के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्सफेसबुक संस्थापक मार्क झुकरबर्गरिलायंस इंडस्ट्रीज के सीएमडी मुकेश अंबानीटाटा समूह के रतन टाटा और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स जैसे हस्तियों का नाम है जिन्होंने अपनी शानदार लीडरशिप स्किल की बदौलत सफलता की बुलंदियों को पाने में सफल रहे हैं। प्रो. रंजन कहते हैं कि इसे यूँ समझिए किसी से काम निकलवाना सबसे मुश्किल काम है और इसे वहीं काम वही कर सकता है जिसमें लीडरशीप के खास गुण हो। एक टीम लीडर में कुछ खास गुण होने चाहिए जो औरो से अलग बनाए। आपकी टीम अगर सिर्फ आपके पद के लिए आपको सम्मान देती है तो फिर आप कभी भी बदले जा सकते हैं लेकिन अगर आपकी टीम अपकी व्यक्तित्व का सम्मान करती है तो हर कोई आपसे जुड़ कर आपके साथ काम करना चाहेगा। एक अच्छा टीम लीडर बनने के लिए यह भी जरूरी है कि अगर कभी आपकी टीम अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई हो तो केवल टीम को दोष न दें बल्कि गलती कहां और किस स्तर पर हुई है इसस पर आप टीम के साथ खुलकर बात करें। टीम लीडर के पास भले ही जिम्मेदारी सबसे अधिक हो लेकिन क्रेडिट हमेशा पूरी टीम को मिलना चाहिए। प्रो. रंजन बताते हैं कि आमतौर पर ज्यादातर टीम लीडर अपनी कंपनी में काम करने वाले इंप्लाइज के विचारों या फीडबैक को सुनते तक नहीं है। ऐसा करना कहीं से भी एक अच्छे टीम लीडर के गुण नहीं है। एक अच्छे टीम लीडर के अंदर दूसरे के विचारों और फीडबैक के लिए जगह होना चाहिए। बदलते वैश्विकसामाजिक और आर्थिक परिवेश में एसोसिएशन ऑफ लीडर एंड इंडस्ट्रीज देश भर में लीडरशिप स्किल पर काम कर रहा है। यह राजनीतिप्रशासनकॉर्पोरेटअकैडमिक और शोध सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े शख्सियतों का एक नेटवर्क हैजो सर्वेक्षणअनुसंधानविचार-विमर्श के आधार पर एक दूसरे के विचारों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।