आमलोगों के मुकाबले बुजुर्गों को कोरोना होने का ज्यादा खतरा
घर में बुजुर्गों की देखभाल करते रहें, उनकी सुरक्षा को लेकर उनका ध्यान रखें
बांका, 1 अक्टूबर
कोरोना काल में वैसे तो हर कोई सुरक्षित तरीके से रह रहा है. अपना बचाव कर रहा है, लेकिन बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. आज 1 अक्टूबर को बुजुर्ग दिवस भी मनाया जा रहा है, इसलिए इस मौके पर सभी को बुजुर्गों की बेहतर देखभाल का संकल्प लेना चाहिए. बांका शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कोरोना से बच्चों और बूढ़ों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. बच्चों की तो प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. उनमें कोरोना के संक्रमण का खतरा कम होता है. लेकिन बुजुर्गों में अधिक होता है, इसलिए बुजुर्गों पर खास ध्यान देने की जरूरत है. कोरोना काल में बुजुर्गों की देखभाल बहुत आवश्यक है. उन्होंने बताया, आज बुजुर्ग दिवस के मौके पर स्वास्थ्य केन्द्रों में बुजुर्गों के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच के साथ उनको इस उम्र मे होने वाली बीमारी के बारे मे भी जागरूक किया जा रहा है।
घर से बाहर नहीं निकलने दें: डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं ऐसा देखा जाता है कि घर के बुजुर्ग सदस्य अधिकतर बाहर रहना पसंद करते हैं. दरअसल, अवकाश ग्रहण करने के बाद उनके पास अधिक काम नहीं रहता है. इस वजह से वह अपना समय बाहर व्यतीत करना पसंद करते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं करने दें. बाहर जाने पर भीड़भाड़ कोरोना की चपेट में आ सकते हैं. इसलिए घर के सदस्यों को कोशिश करनी चाहिए कि बुजुर्ग घर से कम से कम बाहर निकले. अगर न निकले तो ज्यादा बेहतर रहेगा.
अगर घर से निकलें तो मास्क और ग्लव्स लगाकर: डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं मान लीजिए अगर बुजुर्ग घर के बाहर निकलने से मान नहीं रहे हो तो उन्हें मास्क पहनने के बाद ही निकलने दीजिए. साथ में अतिरिक्त मास्क भी दे दीजिए, ताकि खराब होने पर उसे बदला जा सके. उन्हें बता दीजिए कि मास्क जब गिला हो जाए तो उसे तुरंत बदल लेना है. ऐसा करना बेहतर रहेगा.
नाखून नहीं बढ़ने दें: अक्सर देखा जाता है कि बुजुर्ग लोग अपना नाखून पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. बेवजह बड़ा हो जाता है. ऐसे में घर के सदस्यों की जिम्मेदारी है कि बुजुर्गों के नाखून को समय-समय पर काट दिया करें. ऐसी जगहों पर कोरोना का वायरस आसानी से चिपकता है, जिससे कोरोना के संक्रमण का अधिक खतरा रहता है.
नाक और मुंह छूने से बचने की दें सलाह: डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं घर या बाहर जहां पर भी बुजुर्ग हो इस बात का ध्यान रखें कि वह अपने हाथ से मुंह को बार-बार नहीं छुए. आंख और नाक को भी कभी बार-बार नहीं छुए. कोरोना का ड्रॉपलेट मुंह, नाक और आंख के जरिए शरीर के अंदर प्रवेश करता है. इसलिए अपने बुजुर्गों को इस बात के लिए समझाएं कि ऐसा नहीं करें. अगर वह नहीं समझे तो आप उन पर नजर रखिए.
कोरोना मरीज से रखें दूर: डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं अगर घर में कोई कोरोना का मरीज हो तो बुजुर्ग को उससे बिल्कुल भी दूर रखें. अगर संभव हो तो दूसरे मकान में ले जाकर उनकी देखभाल करें. बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. इस वजह से कोरोना के संक्रमण का खतरा आम लोगों के मुकाबले अधिक रहता है. इसलिए बुजुर्गों को कोरोना मरीज के संपर्क में नहीं आने दें.