कश्मीर-
कश्मीर के आईजी एसपी पाणि ने कहा कि कश्मीर में युवाओं के आतंकियों के नियुक्ति पिछले कुछ महीनों में कम हुई है। घाटी में जो भी घुसपैठ करेगा वह जिंदा नहीं बचेगा। कश्मीर घाटी में पाकिस्तान द्वारा घुसपैठ जारी है, लेकिन घुसपैठ में काफी हद तक कमी आई है।
ले. ज. केजेएस ढिल्लन जीओसी चिनार कॉर्प्स ने कहा, ‘जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान आर्मी का ही बच्चा है। इस हमले में पाकिस्तानी सेना का 100 फीसदी इनवॉल्वमेंट हैं। इसमें हमें और आपको कोई शक नहीं है।’ मुठभेड़ में जैश के 3 कमांडर ढेर हुए हैं। इस हमले में और कौन शामिल थे और क्या प्लान थे, यह हम शेयर नहीं कर सकते।’ ऑपरेशन में फ्रंट पर लीड करनेवाले हमारे जवान छुट्टी पर थे, लेकिन वह देशसेवा के लिए ड्यूटी पर तैनात हुए। मैं स्थानीय नागरिकों से अपील करता हूं कि वह ऑपरेशन के दौरान हमारा सहयोग करें।’ जो जवान शहीद हुए या फिर जिन्हें चोट आई हम स्पष्ट कर दें कि सेना के ऑपरेशन में पूरी तरह से किसी स्थानीय को कोई चोट न पहुंचे इसका ख्याल रखा गया।’ शहीद हुए जवानों के परिवार से कहना चाहूंगा कि आप अपने को अकेले न समझें। आपके लिए हर वक्त हम खड़े हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में पढ़ने वाले कश्मीरी बच्चों के लिए भी हम हेल्पलाइन चला रहे हैं, ताकि उन्हें अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े।’
पुलवामा हमले के 100 घंटे के भीतर ही आतंकियों को ढेर कर दिया गया। इस हमले में आईएसआई के हाथ होने की आशंका से इनकार नहीं करते हैं। हम सरेंडर करनेवालों के लिए कई तरह के अच्छे कार्यक्रम चला रहे हैं, लेकिन आतंकी वारदातों में शामिल रहनेवालों के लिए कोई रहमदिली नहीं दिखाई जाएगी।
सेना ने की अपील, ‘मैं जम्मू-कश्मीर की माताओं से अपील करता हूं कि अपने बच्चों को समझाएं और गलत रास्ते पर चले गए लड़कों को सरेंडर करने के लिए बोलें।’ सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस, पुलवामा अटैक और एनकाउंटर में शहीद हुए सभी जवानों को मैं नमन करता हूं। एनकाउंटर में 2 पाकिस्तानियों के साथ 1 स्थानीय आतंकी की भी मौत हुई है।
ले. ज. केजेएस ढिल्लन जीओसी चिनार कॉर्प्स ने कहा, ‘कल के ऑपरेशन में फ्रंट पर लीड करनेवाले हमारे जवान छुट्टी पर थे, लेकिन वह देशसेवा के लिए ड्यूटी पर तैनात हुए। मैं स्थानीय नागरिकों से अपील करता हूं कि वह ऑपरेशन के दौरान हमारा सहयोग करें।’ जो जवान शहीद हुए या फिर जिन्हें चोट आई हम स्पष्ट कर दें कि सेना के ऑपरेशन में पूरी तरह से किसी स्थानीय को कोई चोट न पहुंचे इसका ख्याल रखा गया।’
जुल्फिकार हसन, आईजी सीआरपीएफ ने कहा, ‘शहीद हुए जवानों के परिवार से कहना चाहूंगा कि आप अपने को अकेले न समझें। आपके लिए हर वक्त हम खड़े हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में पढ़ने वाले कश्मीरी बच्चों के लिए भी हम हेल्पलाइन चला रहे हैं, ताकि उन्हें अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े।’ हम सरेंडर करनेवालों के लिए कई तरह के अच्छे कार्यक्रम चला रहे हैं, लेकिन आतंकी वारदातों में शामिल रहनेवालों के लिए कोई रहमदिली नहीं दिखाई जाएगी। सेना ने की अपील, ‘मैं जम्मू-कश्मीर की माताओं से अपील करता हूं कि अपने बच्चों को समझाएं और गलत रास्ते पर चले गए लड़कों को सरेंडर करने के लिए बोलें।’