अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस कब और क्यों मनाते हैं, जानिये

1897
international labour day

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस को मई दिवस के नाम से जाना जाता है, इसकी शुरुआत 1886 में शिकागो में उस समय शुरू हुई थी, जब मजदूर मांग कर रहे थे कि काम की अवधि आठ घंटे हो और सप्ताह में एक दिन की छुट्टी हो। हड़ताल के दौरान एक व्यक्ति ने बम फोड़ दिया और प्रदर्शनस्थल पर अफरातफरी मच गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोलियां चलाई। गोलीबारी में कुछ मजदूरों की मौत हो गई, साथ ही कुछ पुलिस अफसर भी मारे गए। इस मामले में एक ट्रायल चला, जांच के अंत में चार अराजकतावादियों को सरेआम फांसी दे दी गई। हेमार्केट घटना, दुनिया भर के लोगों को क्रोधित करने का कारण बनी। बाद के वर्षों में, हेमार्केट शहीदों की स्मृति को विभिन्न मई दिवस नौकरी संबंधी कार्रवाई और प्रदर्शनों के साथ याद किया गया।

international labour day

इसके बाद 1889 में पेरिस में अंतरराष्ट्रीय महासभा की द्वितीय बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया कि 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाए, तब से ही दुनिया के 80 देशों में मई दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाने लगा।

भारत में इसे सबसे पहले 1 मई 1923 को मनाया गया था। जब लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने चेन्नई में इसकी शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य मजदूरों को सम्मान और हक दिलाना है। इस मौके पर फैज अहमद ‘फैज’ की रचना को याद किया जाता हैं, जिसमें उन्होंने मजदूरों के हक की बात की है।

इस दिन दुनियाभर में मजदूर संघ संगोष्ठी आयोजित की जाती है, जिसमें मजदूरों की आवाज को बुलंद किया जाता है। उनके हक और सम्मान का अवलोकन किया जाता है।

1st May, Labour Day Quotes:

1- कार्य का आनंद लेने वाले ही उसे सही तरीके से कर सकते हैं – अरस्तू

2- कभी किसी को कुछ नहीं मिलता, जब तक कि वह उसकी कीमत के हिसाब से कठिन परिश्रम नहीं करता – बूकर टी वॉशिंगटन

3- किसी काम को करना बड़ी बात नहीं है, लेकिन जिस काम से हमें खुशी मिलती है वह चमत्कार से कम नहीं है – मदर टेरेसा

4- अपने आपको उन लोगों के बीच रखो जिनसे आपको खुशी मिलती है – कार्ल मार्क्स

5- समाज में गरीबों के सहयोग के बिना अमीर कभी भी धन संचय नहीं कर सकते – महात्मा गांधी

6- शिक्षा जैसी कोई मजदूरी नहीं, यह अपने आपको एक इनाम देना है – महात्मा गांधी

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