एक भगोड़ा मौलाना साद और कई सुलगते सवाल ?

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देश भर में संक्रमण फैलाने के आरोपी निजामुद्दीन मरकज का चीफ भगोड़ा मौलाना साद तक फरार है। दिल्ली पुलिस या तो किसी मजबूरीवश उसे ढूंढ नहीं रही या ये प्रशाशन की घोर लापरवाही का नतीजा है ये एक अहम् सवाल है आखिर निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज का मुखिया मौलाना मुहम्मद साद दिल्ली पुलिस के लिए सिर्फ चुनौती ही नहीं बना है, पहेली भी बन गया है. मौलाना साद से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से आंख मिचौली का खेल करीब महीने भर से चल रहा है. पुलिस उसकी तलाश में दिल्ली से लेकर शामली तक उसकी खाक छानती है. लेकिन मौलाना कहता है कि वो छिपा नहीं है. यूपी के शामली जिले में साद का फार्म हाउस है. फार्म हाउस पर क्राइम ब्रांच की टीम ने छापेमारी की. लेकिन मौलाना साद पुलिस के हाथ नहीं आया. कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है. सड़कों पर ट्रैफिक करीब करीब बंद है, गलियों में सन्नाटा है. लेकिन दिल्ली पुलिस को ना तो मौलाना साद मिल पा रहा है, और ना ही दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस टीम को मौलाना के बारे में कोई सही सूचना मिल रही है. आखिर पुलिस को कब तक छकाएगा मौलाना साद?

तबलीगी जमात का मुखिया मौलाना साद अपने वीडियो और ऑडियो मैसेज जारी कर दिल्ली पुलिस तक अपने संदेश बेखौफ पहुंचा रहा है, 5 अप्रैल २०२० को उसकी उसकी बेटी का निकाह भी हुआ है, यानि उसकी जिंदगी में सब कुछ सामान्य है, लेकिन केंद्र की दिल्ली पुलिस अब तक उसका पता लगाने में नाकाम है। आखिर क्यों? क्या है वजह?

दिल्ली में मरकज खाली कराने के लिए रात को दो बजे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को निजामुद्दीन जाना पड़ा था. तब कहीं 4 बजे भोर तक मरकज खाली हुआ और मालूम हुआ कि करीब ढाई हजार लोग अंदर जमे हुए थे. ये तब की बात है जब पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन हुए तीन दिन बीत चुके थे.

ऑडियो क्लिप में मौलाना साद ने अपने समर्थकों से भूखे लोगों तक खाना पहुंचाने के लिए भी अपील की है. मौलाना साद ने दोहराया है कि वो अब भी क्वारनटीन में हैं. अपने वकीलों के माध्यम से हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक इंटरव्यू में मौलाना साद का कहना है, ‘डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक, मैं सेल्फ क्वारंटाइन था और पुलिस इस तथ्य को जानती है और उसे मेरे ठिकाने के बारे में भी पता है.’

31 मार्च को मौलाना साद सहित 7 तबलीगी जमात के 7 लोगों पर सरकारी निर्देशों के उल्लंघन के लिए महामारी रोग अधिनियम 1897 के सेक्शन 269, 270, 271 और IPC की धारा 120-B के तहत केस दर्ज किया गया था है. दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने 31 मार्च को मौलाना साद समेत सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. साथ ही, प्रवर्तन निदेशालय भी मौलाना साद और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया हुआ है.

मौलाना साद की तीन ऑडियो क्लिप आ चुकी है

क्या समझा जाये इसे? आखिर दिल्ली पुलिस का क्राइम ब्रांच क्यों हाथ पर हाथ धरे बैठा है? क्या दिल्ली पुलिस का खुफिया तंत्र इतना निकम्मा हो चुका है – या फिर उसके मुखबिर भी खामोश हो गये हैं? ये ठीक है कि मुखबिर दिल्ली पुलिस तक नहीं पहुंच पा रहे होंगे, लेकिन पुलिस को उन तक पहुंचने से किसने रोका है – या फिर ऐसी कोई खास वजह है जिससे दिल्ली पुलिस हाथ बंधा हुआ महसूस कर रही है?

मौलाना साद के ससुराल सहारनपुर जिले के उनके कुछ रिश्तेदार भी मरकज के आयोजन में शामिल हुए थे. पता चला सहारनपुर में कोरोना पॉजिटिव पाये गये लोगों में से आधे तब्लीगी जमात के रहे. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से भी बताया गया था कि देश में कुल संकमित मामलों में से 30 फीसदी केस तबलीगी जमात की वजह से बढ़े.

‘मौलाना साद ने लोगों को बरगलाने की कोशिश की है – और कभी न माफ करने वाला अपराध किया है. मौलाना साद जैसे लोग इस्लाम की भलाई नहीं बल्कि इसके खिलाफ काम कर रहे हैं.’

मालूम नहीं मौलाना साद को अभी ये समझ आयी या कभी आएगी भी कि नहीं कि तब्लीगी जमात के लोगों ने अपनी हरकत से चौतरफा नुकसान किया है.

  • एक खुद की जान को खतरे में डाला है.
  • ये किसी को भी नहीं मालूम कि कितने लोगों के कोरोना वायरस के खतरे में डाला है.
  • इलाज करने वाले डॉक्टर, नर्स और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों के के साथ बहुत ही बुरा सलूक किया है – और
  • पूरे मुस्लिम समुदाय को नफरत के निशाने पर लाने में भी कोई कसर बाकी नहीं रखी है.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद के बेटे से पूछताछ की है। मौलाना साद के बेटे से पूछताछ में उन लोगों की जानकारी मांगी गई है जो मरकज का कामकाज देखते हैं।

मरकज में पहुंचे जमाती बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव निकले हैं. मौलाना साद ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोना की जांच करा ली है और रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं, दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 से 24 मार्च के बीच मरकज में कम से कम 16,500 लोग पहुंचे थे। सेल फोन डेटा के यूज के आधार पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर और मरकज में एक्टिव मोबाइल्स के आधार पर इस संख्या का आकलन किया गया है।
ख़बरों के अनुसार साद को दिल्ली के जाकिर नगर में ट्रेस कर लिया गया था एक बार पर दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि मौलाना साद से अभी पूछताछ नहीं किया जा सकता है।

आखिर दिल्ली पोलिस मौलाना साद को क्यों नहीं ढूंढ पा रही ये अहम् सवाल है जो देश जानना चाहता है

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