– खरीक प्रखंड में जय जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी है आराधना देवी
– सैकड़ों लोगों को घर में सूती कपड़े का मास्क बना मुफ्त में बांट चुकी हैं
भागलपुर, 3 दिसंबर
कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका तो सराहनीय रहा ही है, लेकिन समाज के अन्य लोग भी इसमें बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभा रहे हैं. खरीक प्रखंड में काम कर रही जीविका दीदी आराधना देवी ने तो एक कदम आगे बढ़कर अपना योगदान दिया है. आर्थिक चिंता किए बगैर जय जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी दीदी आराधना देवी ने घर में सूती कपड़े का मास्क बनाकर सैकड़ों लोगों को मुफ्त में बांट दिए. इसका परिणाम यह रहा कि इनके गांव के लोग बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकलते हैं.
खरीक प्रखंड में जीविका के ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर बालदेव कुमार कहते हैं कि कोरोना काल में आराधना देवी का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वह अपनी चिंता किए बगैर लोगों को जागरूक करने में लगी रही. सबसे बहादुरी की बात यह रही कि आर्थिक परेशानियों के बावजूद उन्होंने लोगों को मास्क मुफ्त में दिया. वैसे भी जीविका समूह सस्ती कीमत पर सूती कपड़े का मास्क लोगों को उपलब्ध करा रही है, लेकिन आराधना देवी ने तो मुफ्त में मास्क बांटकर मिसाल कायम की है.
बच्चों और बूढ़ों पर दिया अधिक ध्यान: जीविका दीदी आराधना देवी कहती हैं कि कोरोना काल में जब वह गांव के लोगों को जागरूक कर रही थी तो इस दौरान बच्चों और बूढ़ों पर वह विशेष ध्यान दे रही थी. वैसे तो वह सभी लोगों को कोरोना से सावधान रहने को कहती थी, लेकिन घर के सदस्यों को बच्चों और बूढ़ों का विशेष ध्यान रखने की सलाह देती थी. घर के सदस्यों को बताता था कि बच्चे और बूढ़े लोग अपनी देखभाल करने में खुद से ज्यादा सक्षम नहीं होते हैं, इसलिए उनका ज्यादा ध्यान रखें. घर से कम निकलने दें और अगर घर से निकले तो मास्क को जरूर लगाने को कहें.
सही पोषण को लेकर किया जागरूक: जीविका दीदी आराधना देवी कहती हैं कि सही पोषण किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए सबसे जरूरी होता है. इसलिए वह जब गांव के लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रही थी तो उन्हें मास्क, ग्लव्स और हाथ सैनिटाइज करने के साथ-साथ सही पोषण की सलाह भी देती थी. गांव के लोगों को कहती थी कि आप अपने भोजन में पौष्टिक आहार लेना शुरू करें. हरी सब्जियां अधिक से अधिक खाएं और दूध का भी सेवन करें. इससे आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, जिससे आप कोरोना रोना से बचे रहेंगे.
घर के सदस्यों का भी मिला साथ: आराधना देवी कहती हैं कि पति की मृत्यु के बाद वह आर्थिक रूप से काफी पिछड़ गई थी. रोजी-रोटी पर आफत आ गई थी, लेकिन 2017 में वह जब जीविका से जुड़ी तो 1 साल के अंदर में आत्मनिर्भर हो गए और अपने बच्चे समेत परिवार के सदस्यों का सही तरीके से परवरिश करने लगी. आज उनके तीनों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. बच्चों को पढ़ाने का यह फायदा मिला कि जब कोरोना काल शुरू हुआ तो वह जब लोगों को जागरूक करने निकली तो बच्चों ने मेरा भरपूर सहयोग किया. वह बताती हैं, कि जब वह फील्ड में होती थी तो बच्चे घर का सारा काम कर लेते थे. स्कूल अभी जाना नहीं होता, इसलिए बच्चे घर पर रहते थे तो पढ़ाई के साथ-साथ घर का भी काम कर लेते थे. इसका फायदा यह हुआ कि वह निर्भीक तौर पर अपना काम करती रही.
कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें