– आशा कार्यकर्ता की पहल और बीमारी की शुरुआती दौर में ही पहचान होने के कारण मिली सफलता
– परबत्ता सीएचसी के कुल्हाड़िया गाँव की आशा कार्यकर्ता रीता कुमारी के प्रयास से स्वस्थ्य हुआ किशोर
खगड़िया, 16 फरवरी
जिले में फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए परबत्ता सीएचसी अंतर्गत कुल्हाड़िया पंचायत के कुल्हाड़िया गाँव (वार्ड संख्या – 2) में संचालित स्वास्थ्य उप केंद्र की आशा कार्यकर्ता रीता कुमारी अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर हैं। वह अपने पोषक क्षेत्र में ना सिर्फ घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया और कालाजार से बचाव के लिए जागरूक कर रही बल्कि, जरूरतमंदों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध कराने में मदद कर रही हैं। आशा की इस सकारात्मक पहल का परिणाम यह है कि इसी क्षेत्र का एक 10 वर्षीय बच्चा फाइलेरिया जैसी बीमारी को मात देने के सफल रहा। यह सब आशा कार्यकर्ता के प्रयास और बीमारी की शुरुआती दौर में ही पहचान होने से संभव हुआ। पीड़ित बच्चा इसी गाँव के निवासी अमरजीत कुमार का पुत्र पियुष कुमार है । जो आज सामान्य बच्चों की तरह स्वस्थ है।
– फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई सेवन कराने के दौरान मिला बच्चा, कराया समुचित इलाज :
आशा कार्यकर्ता रीता कुमारी ने बताया, बीते वर्ष 20 सितम्बर से जिले के साथ-साथ मेरे प्रखंड में फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए अभियान की शुरुआत हुई थी। जिसके बाद अन्य आशा कार्यकर्ता की तरह मैं भी अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों को दवाई के सेवन के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ खुद के सामने में लोगों को दवाई का सेवन भी कराती थी। इसी दौरान मुझे अमरजीत कुमार और रुक्मिणी देवी का 10 वर्षीय पुत्र पियुष कुमार मिला। उसे देखने से मुझे लगा कि यह फाइलेरिया से पीड़ित है। जिसके बाद मैंने स्थानीय सीएचसी को सूचना दी। फिर अगले दिन केयर इंडिया के श्रवण कुमार के साथ पुनः पीड़ित बच्चे के घर जाकर उसके स्वास्थ्य का अवलोकन किया। इसके बाद स्थानीय सीएचसी में जाँच करने के बाद फाइलेरिया संक्रमित होने की बात सामने आई। इसके बाद मैंने बच्चे को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन कराया। साथ-साथ सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में समुचित इलाज करवाया जिससे आज वह स्वस्थ्य है। हालाँकि, अब भी होम विजिट कर बच्चे के स्वास्थ्य का अवलोकन करना जारी है।
– आशा कार्यकर्ता के सकारात्मक प्रयास और शुरुआती दौर में ही पहचान होने से फाइलेरिया को मात देने में सफल रहा बच्चा :
केयर इंडिया के डीपीओ कृष्ण कुमार भारती एवं परबत्ता सीएचसी के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक दीपक कुमार ने बताया, आशा कार्यकर्ता के सकारात्मक प्रयास और शुरुआती दौर में बीमारी की पहचान होने से पीड़ित बच्चा फाइलेरिया जैसी बीमारी को मात देने में सफल रहा। इसलिए, मैं तमाम लोगों से अपील करता हूँ कि लक्षण महसूस होने पर लापरवाही नहीं, बल्कि शुरुआती दौर में ही समय पर इलाज शुरू करें। क्योंकि, समय पर इलाज शुरू होने से बीमारी को आसानी के साथ मात देना संभव है।
– आशा कार्यकर्ता के प्रयास से स्वस्थ हुआ मेरा बेटा :
पीड़ित बच्चे के पिता अमरजीत कुमार एवं माता रुक्मिणी देवी ने बताया, आशा कार्यकर्ता के सकारात्मक प्रयास से ही मेरा बेटा स्वस्थ हुआ। आशा दीदी ने ना सिर्फ मुझे सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध कराई बल्कि, घर से लेकर अस्पताल तक इलाज के दौरान साथ में खड़ी भी रही। इस कार्य के लिए मेरा पूरा परिवार आशा दीदी का आभारी है।