-कैंप में 30 लाभुकों को एएनएम ने लगाई सुई
-परिवार नियोजन को लेकर चल रहा संचार अभियान
भागलपुर, 2 मार्च-
परिवार नियोजन को लेकर जिले में संचार अभियान चल रहा है. इसके तहत तरह- तरह के आयोजन किए जा रहे हैं. कहीं पर रैली निकाली जा रही है तो कहीं पर परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री का वितरण किया जा रहा है. इसके तहत मंगलवार को इस्माइलपुर प्रखंड के छोटी परबत्ता में अंतरा कैंप लगाया गया, जिसमें 30 लाभुकों को एएनएम कल्याणी कुमारी, रूबी कुमारी और शीला कुमारी ने अंतरा की सुई लगाई. अस्थाई संसाधनों में अंतरा की सुई बहुत ही सुरक्षित-
मौके पर मौजूद इस्माइलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ राकेश रंजन ने कहा कि परिवार नियोजन को लेकर तमाम तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं. लाभुकों को इसके फायदे गिनाए जा रहे हैं. अस्थाई संसाधनों में अंतरा की सुई बहुत ही सुरक्षित है. एक बार सुई ले लेने के बाद 3 महीने तक महिलाएं गर्भधारण से बची रह सकती हैं. साथ ही इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. लाभुकों को इससे कोई परेशानी भी नहीं होती है. इसलिए हमलोग परिवार नियोजन को लेकर अंतरा की सुई लगवाने की सलाह देते हैं. इस दौरान जितेंद्र कुमार सिंह, शैलेंद्र कुमार, सुरेश कुमावत, मोहम्मद अलीउद्दीन काजिम, भीम सिंह, कमलेश कुमार और सुमित कुमार भी मौजूद रहे.
एक बच्चे वाले दंपति की हुई काउंसिलिंग: मौके पर मौजूद केयर इंडिया के एफपीसी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस दौरान एएनएम ने एक बच्चे वाले दंपति की काउंसिलिंग की. उन्हें समझाया कि दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूर रखें. तीन साल का अंतराल रखने से जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है. साथ ही बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, जिससे कि वह भविष्य में होने वाली बीमारियों से लड़ने में सक्षम रहता है.
अस्थाई संसाधनों पर दिया जा रहा जोर: जितेंद्र कुमार ने बताया कि संचार अभियान के तहत परिवार नियोजन के लिए जो भी कार्यक्रम चल रहे हैं, उसमें अस्थाई संसाधनों पर जोर दिया जा रहा है. लोगों के बीच कंडोम का वितरण किया जा रहा है तो लाभुकों को टेबलेट भी दिया जा रहा है. उन्हें इसके इस्तेमाल के तरीके भी बताए जा रहे हैं.
31 मार्च तक चलेगा संचार अभियान: केयर इंडिया के सहयोग से जिले भर में 31 मार्च तक संचार अभियान कार्यक्रम चलाया जाएगा. इसके तहत सभी लाभुकों को परिवार नियोजन की जानकारी दी जा रही है. परिवार नियोजन से होने वाले फायदे के बारे में भी बताया जा रहा है. गांव-गांव में कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. लोग इसे हाथोंहाथ ले रहे हैं और इसका बहुत ही सकारात्मक प्रभाव भी पड़ रहा है