कालाजार मरीजों की पहचान कर इलाज में मदद कर रही आशा रूबी कुमारी

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शाहकुंड प्रखंड के दीनदयालपुर के भट्टा गांव के मांझी टोला में कर रही काम
कालाजार उन्मूलन में स्वास्थ्य विभाग के अभियान में कर रही सहयोग

भागलपुर, 10 मार्च
जिले को कालाजार मुक्त करने में स्वास्थ्य विभाग लगा हुआ है. इसे लेकर अभी सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव भी चल रहा है. छिड़कावकर्मी गांव-गांव जाकर इस अभियान में लगे हुए हैं. इससे कालाजार के नए मरीज सामने नहीं आएंगे, लेकिन जिसे कालाजार हो गया है उसका इलाज करना भी बेहद जरूरी है. कालाजार उन्मूलन के लिए दोनों ही चीजें जरूरी हैं. एक तरफ जो पीड़ित हो गया है, उसको स्वस्थ करना. दूसरा छिड़काव कर कालाजार के नए मरीज बनने से रोकना. ऐसे में शाहकुंड प्रखंड के दीनदयालपुर के भट्टा के मांझीटोला की रहने वाली आशा कार्यकर्ता रूबी कुमारी कालाजार के मरीजों को खोजने और उसका इलाज कराने में स्वास्थ्य विभाग को भरपूर सहयोग कर रही हैं. अभी तक रूबी कुमारी ने 8 मरीजों की पहचान करवाई है, जिसका इलाज चल रहा है. इनमें से कई स्वस्थ भी हो चुके हैं.
क्षेत्र में सबसे अधिक कालाजार के मरीज की पहचान की है रूबी ने
रूबी कुमारी कहती हैं कि जब मैं अपने क्षेत्र में घूमती हूं तो लोगों से सभी बीमारी के बारे में बात करती हूं. अगर कोई बीमार है तो उससे लक्षण के बारे में पूछती हूं और अस्पताल ले जाकर उसकी जांच करवाती हूं. हालांकि लोग सार्वजनिक तरीके से बीमारी का इलाज कराना पसंद नहीं करते हैं. इस वजह से कई लोग इलाज कराने में देरी कर देते हैं. मैं ऐसे लोगों को चिह्नित कर और उसे मनाकर इलाज के लिए अस्पताल ले जाती हूं. काम करते- करते इतना अनुभव हो गया है कि किसे कौन सी बीमारी है और किस डॉक्टर के पास ले जाना है, इसे समझ लेती हूं. मैंने अपने क्षेत्र में सबसे अधिक कालाजार के मरीज की पहचान की है.

लोगों से बीमारी का लक्षण पूछकर ले जाती है अस्पताल: रूबी कुमारी से जब यह पूछा गया कि आप कालाजार के मरीज की पहचान कैसे करती हैं तो उन्होंने कहा कि मरीजों से मैं पूछती हूं. जैसे किसी ने बताया कि मुझे बुखार है तो मैं फिर पूछती हूं कितने दिनों से है. अगर वह व्यक्ति बताता है कि 15 दिनों से तो उससे और लक्षण के बारे में भी पूछती हूं. अगर वह व्यक्ति भूख नहीं लगना, पेट बड़ा हो जाना, रंग पर असर पड़ना इत्यादि लक्षणों के बारे में बताता है तो मुझे आशंका हो जाती है कि इसे कालाजार हुआ है. फिर मैं उसे अस्पताल ले जाती हूं और उसका जांच करवाती हूं. अगर जांच में कालाजार की पुष्टि होती है फिर उस व्यक्ति का इलाज शुरू हो जाता है.

15 साल से कर रही है काम: रूबी कुमारी पिछले 15 सालों से अपने क्षेत्र में काम कर रही है. इस दौरान उन्होंने ना सिर्फ कालाजार के मरीजों की पहचान की है, बल्कि प्रसव कराने के मामले में भी बेहतर काम किया है. इस कारण क्षेत्र में रूबी कुमारी की विशेष पहचान है. केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि रूबी कुमारी बहुत ही बेहतर काम कर रही है. खासकर कालाजार के मरीजों की पहचान को लेकर. उसकी वजह से कालाजार के कई मरीज ठीक हो चुके हैं और कई इलाजरत हैं. अगर सभी लोग इसी लगन से काम करें तो हमलोग बहुत जल्द जिले को कालाजार मुक्त बना पाएंगे.