नयी दिल्ली-
भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा में कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो लोग आज कृषि और किसान के बारे में चर्चा कर रहे हैं। स्वामीनाथन जी की रिपोर्ट 2004 में उस समय की सरकार को पेश की गई थी। मैं पूछना चाहता हूं जो लोग किसानों की दुहाई की बात चिल्ला-चिल्लाकर कर रहे हैं, 10 साल सरकार में रहकर स्वामीनाथन रिपोर्ट का क्रियान्वयन क्यों नहीं किया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस वक्तव्य के बाद राज्यसभा में हंगामा हो गया। हालांकि, फिर भी सिंधिया नहीं रुके और उन्होंने कहा कि जब सच्चाई बोली जाती है तब थोड़ी मिर्ची तो लगती है। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने छह साल में एमएसपी की लागत में डेढ़ गुना की बढ़ोत्तरी की है। गेहूं के भुगतान में यूपीए सरकार ने 23,880 करोड़ रुपए का भुगतान किया था लेकिन इस वर्ष में 75,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। जो ढाई गुना ज्यादा है।
इसी बीच सिंधिया ने महाराष्ट्र सरकार का मुद्दा उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि 15 लाख की बात करेंगे तो मैं महाराष्ट्र की बात करूंगा। जो पिछले 3-4 दिनों से जो रिपोर्ट निकल रही है आपकी सरकार की। उन्होंने इस दौरान मुंह नहीं खुलवाने की बात कही। आप 15 साल की बात करते हो, आप 100 करोड़ का हिसाब दो। यह तो केवल मुंबई की बात है बाकी प्रदेश का क्या हाल होगा। उन्होंने कहा कि एक तो यह वसूली कर रहे हैं गरीब लोगों से, रेस्टोरेंट वालो से और मेरे से 15 लाख की बात कर रहे हैं।