पुणे : टीवी 9 के पत्रकार पांडुरंग रायकर का निधन पिछले साल सितंबर में कोरोना के कारण हो गया था. उनके निधन से परिवार के सिर पर से आधार हट गया. जरूरत के ऐसे समय में परिवार को आधार देने की भावना से सूर्यदत्ता एज्युकेशन फाउंडेशन ने रायकर के बच्चों की शिक्षा का बीड़ा उठाया. उनकी शिक्षा का पूरा खर्च सूर्यदत्ता उठाएगा. जिसके तहत एक लाख का पहला चेक शुक्रवार को रायकर की पत्नी शीतल रायकर को सौंपा गया.
पांडुरंग रायकर के निधन के बाद अनेक संस्था, व्यक्ति उनके परिवार की मदद के लिए आगे आए थे. रायकर का पांच साल एक लड़का व ढाई साल की एक लड़की है. उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी लेने की घोषणा उसी समय सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय चोरडिया ने की थी. समाज को दिशा देनेवाले, जनजागृति करनेवाले इस प्रामाणिक पत्रकार की मृत्यु दुःखद है. उनके परिवार के साथ सूर्यदत्ता परिवार हमेशा खड़ा रहेगा. ऐसी भावना भी संयज चोरडिया ने व्यक्त की थी.
विश्व महिला दिन पर सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट में १ मार्च से 31 मार्च तक महिला महोत्सव (वुमेन मंथ) मनाया जाता है. इस कार्यक्रम में शीतल रायकर को बुलाया गया. ताकि उन्हें अहसास कहराया जा सके कि हमसब उनके साथ हैं. ‘सूर्यदत्ता’ की ओर से संस्था की उपाध्यक्षा सुषमा चोरडिया के हाथों चेक दिया गया. इस समय रायकर का परिवार, संस्था के संचालक प्रा. सुनील धाडीवाल, मुख्य विकास अधिकारी सिद्धांत चोरडिया, अधिष्ठाता प्रा. डॉ. प्रतीक्षा वाबले व अन्य महिला स्टाफ उपस्थित था.
सुषमा चोरडिया ने कहा कि पांडुरंग रायकर के परिवार के साथ सूर्यदत्ता परिवार हमेशा ख़ड़ा रहेगा. बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसके लिए उनको सभी मदद , ज्ञानार्थदान किया जाएगा. महिला दिन पर उत्सव के अवसर पर बस इतना ही कहूंगी कि शीतल रायकर सक्षम रूप से खड़ा रहें व अपने बच्चों की बेहतर परवरिश करें. इस दौरान जो भी सहयोग उन्हें लगेगा वे हम करेंगे. ‘सूर्यदत्ता’ में इन बच्चों ने किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया तो उन्हें पूरी शिक्षा नि:शुल्क होगी.
शीतल रायकर ने सूर्यदत्ता परिवार का आभार जताया. साथ ही पांडुरंग रायकर के प्रति अपनी भावना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि उनके पति प्रामाणिक पत्रकारिता करते थे. इसलिए आज अनेक संस्था, व्यक्ति उनके समर्थन में खड़े हैं. उनका साथ दे रहे हैं. ‘ सिद्धांत चोरडिया ने कहा कि समाज के सभी संस्थाओं ने जरूरतमंदों की मदद की तो इस देश का सर्वांगीण विकास होने में मदद होगी. शिक्षा जैसे मूलभूत अधिकार सभी को मिले, इसके लिए हम सभी को प्रयत्न करना चाहिए.