– जिले में कुल सोलह अस्पतालों में है स्वास्थ्य सेवा की सुविधा
– प्रति राशन कार्ड पर पांच लाख तक का इलाज
जमुई, 12 नवम्बर। आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना पात्र लाभार्थी परिवारों को अस्पताल में भर्ती के उपरांत कैश्लेस माध्यम से इलाज की सुविधा प्रदान करता है। यह योजना सार्वजनिक अस्पतालों को जरूरतमंद रोगियों को प्राथमिकता देने के लिए एक प्रोत्साहन प्रदान करता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना है। इसके तहत प्रति चिह्नित परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज निर्धारित है।
इस सन्दर्भ में जिले के सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार भारती ने कहा आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों को 11 सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों और 5 निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। ये निजी अस्पताल श्री साईं हॉस्पिटल, अलीगंज, सत्यम नर्सिंग हॉस्पिटल, सिकंदरा, आत्म वल्लभ जनकल्याण ट्रस्ट, लक्चुआड, देव पुष्पा आर्थोपेडिक पोली सेन्टर, जमुई और जे.पी. हॉस्पिटल, जमुई में हैं। इन केन्द्रों पर आरोग्य मित्रों से पूर्णतः मुफ्त इलाज के लिए संपर्क किया जा सकता है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रणव कुमार ने बताया आयुष्मान कार्ड के माध्यम से असाध्य रोगों से उपचार के लिए उपरोक्त वर्णित अस्पतालों में नियमित तौर पर आरोग्य मित्र सेवारत हैं । उन्होंने कार्डधारियों या प्रधानमंत्री से चिट्ठी प्राप्त लाभार्थियों द्वारा निःसंकोच स्वास्थ्य सेवा को ग्रहण करने की सलाह दी।
इसी क्रम में हिमांशु कुमार, प्रबंधक, सूचना एवं प्रोद्यौगिकी, आयुष्मान भारत ने कहा जिले में पंद्रह सौ चार गांवों के पंद्रह सौ बावन लाभार्थियों ने उपचार सेवा को प्राप्त किया है। उन्होंने बताया जनगणना 2011 के आधार पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के आंकड़े राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के पास मौजूद हैं। इसी के अनुसार प्रधानमंत्री के पत्र या 20 अंक के राशन कार्ड के अलोक में आयुष्मान कार्ड बनाया जाता है। कुछ कार्ड में नाम, पता, जन्मतिथि या अभिभावकों के नाम में विसंगतियों की जानकारी प्राप्त हुई है । इसमें शुद्धिकरण करने के लिए जिला या राज्य स्तर पर पदाधिकारी सक्षम नहीं हैं । इसकी पुष्टि हेतु mera.pmjay.gov.in को विजिट किया जाना ही बेहतर विकल्प है। आगे उपचार के बाद दावा के लिए चिकित्सक द्वारा जारी पर्ची, भर्ती सम्बन्धी फोटोग्राफ, दवाई प्राप्ति पर्ची को ग्रिवांस पोर्टल पर डाले जाने की प्रक्रिया निहित है।
इसके प्रचार-प्रसार के लिए सामाजिक उत्प्रेरण टीम को योजना के अनुसार लगाया जाता है। ताकि लाभार्थियों को किसी भी भ्रामक परिस्थिति से बचने में सहूलियत हो।