– दंपत्ति संपर्क सप्ताह में आशा और आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका दम्पतियों को दे रही हैं परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों की जानकारी
– एनएफएचएस 5 के आंकड़ों के अनुसार जिला में परिवार नियोजन के लिए सुविधाओं में 19.8 से 23.3 प्रतिशत का हुआ है सुधार
मुंगेर, 9 सितंबर-
इन दिनों मुंगेर में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आमजनों को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के साथ- साथ कोरोना काल में परिवार नियोजन के लिए भी जागरूक किया जा रहा है । इसके लिए जिला भर में मिशन परिवार विकास अभियान चल रहा है। अभियान के पहले चरण में 06 से 12 सितंबर तक दम्पति सम्पर्क सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान नवदम्पति सहित सभी दम्पतियों से सम्पर्क कर उन्हें परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस काम में स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता और आशा फैसिलिटेटर के साथ-साथ आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। जिला भर में ये लोग दंपत्तियों को परिवार नियोजन के फायदों व अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए आवश्यक आधुनिक साधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करा रही हैं। इस दौरान आशाओं के द्वारा सही उम्र में शादी, शादी के दो साल बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में तीन साल का अंतर, प्रसव या गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी उपाय तथा गर्भ निरोध के स्थायी साधन में पुरुषों की भागीदारी पर चर्चा करने के साथ अस्थायी एवं स्थायी उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है।
05 से 25 सितंबर तक मनाया जा रहा मिशन परिवार विकास अभियान :
राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार मिशन परिवार विकास अभियान 25 सितंबर तक आयोजित किया जायेगा जिसके तहत 12 सितंबर तक दंपत्ति संपर्क सप्ताह और 13 सितंबर से 25 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जाना है । दंपत्ति संपर्क सप्ताह के दौरान बंध्याकरण अथवा नसबंदी जैसी सेवा प्राप्त करने वाले दंपत्तियों को चिह्नित किया जा रहा है। चिह्नित दंपत्तियों को परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान उपलब्ध कराई जाएगी बेहतर सेवाएं ।
कोविड काल में परिवार नियोजन है सुरक्षित :
मुंगेर में केयर इंडिया कि फैमिली प्लानिंग कोऑर्डिनेटर तस्नीम रजि ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोविड 19 महामारी के दौरान दंपतियों में यौन व्यवहार व यौन संसर्ग को ध्यान में रखते हुए उन तक परिवार नियोजन पहल से संबंधित सही सूचनाएं व सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाना महत्वपूर्ण है । डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना काल में भी परिवार नियोजन के सभी आधुनिक गर्भनिरोध के साधनों का इस्तेमाल सुरक्षित है । यदि कोई महिला गर्भधारण नहीं करना चाहती हैं तो वह अपनी पंसद के गर्भनिरोध के आधुनिक साधन का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पुरुषों के लिए कंडोम का इस्तेमाल गर्भधारण को रोकने और यौन संचारित रोगों जैसे एचआइवी संक्रमण की रोकथाम के लिए कारगर है। इसका इस्तेमाल दूसरी अन्य प्रकार की गर्भनिरोध के आधुनिक साधनों के इस्तेमाल के साथ किया जा सकता है ।
जिला में 49 प्रतिशत लोगों ने परिवार नियोजन के लिए चुना आधुनिक साधन :
परिवार नियोजन की तस्वीर बदलने में महिलाएं आगे हैं। जिला में 15 से 49 वर्ष की विवाहित महिलाओं में परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों का इस्तेमाल पूर्व की तुलना में काफी बढ़ा है। वर्ष 2019-20 की राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे रिपोर्ट-5 की रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में 49 प्रतिशत महिलायें परिवार नियोजन के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। जबकि एनएफएचएस-4 में यह महज 33.6 प्रतिशत था । वहीं 33.7 प्रतिशत महिलाओं ने परिवार नियोजन के लिए बंध्याकरण चुना जो पहले में 30.7 प्रतिशत था। पुरुषों में कंडोम का इस्तेमाल बढ़ा है। नई रिपोर्ट में जिला में सौ में से लगभग 9 लोग गर्भनिरोध के लिए कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। जबकि पूर्व में यह 1 प्रतिशत ही था । हालांकि नसबंदी को लेकर पुरुषों में कई तरह की धारणाएं व्याप्त हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दिशा में जागरूकता लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।