यूनिसेफ और SPW द्वारा कोविड -19 की रोकथाम  पर युवा  वालंटियर्स  का  उन्मुखीकरण

135
पटना, 7 अप्रैल
“जब तक सभी सुरक्षित नहीं हैं तब तक कोई सुरक्षित नहीं है। युवा अपने परिवरो और समुदाय मे COVID उपयुक्त व्यवहार (CAB) सम्बंधित जागरूकता फैला सकते है। बिहार सरकार 12-17 का  बच्चों और किशोरों के बीच टीकाकरण बढ़ाने पर कार्य कर रही है । युवा स्वयंसेवक इसमें तेजी लाने में मदद कर सकते हैं और एलिजिबल व्यक्तियों  और बुजुर्गों को दूसरी खुराक और प्रिकॉशन डोज लेने में मदद कर सकते है।  वे उन्हें डोज़ के बारे में याद दिलाकर और उन्हें पास के टीकाकरण स्थलों पर ले जा कर उनकी टीकाकरण सुनिश्चित कर सकते ह।” डॉ. एन.के. सिन्हा, अपर निदेशक सह राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार ने  युवा  चंगेमकेर्स  की  ऑनलाइन  उनमुखीकरण  में  कहा. ‘युवा चेंज मेकर्स फाइट कोविड’ पहल यूनिसेफ और  स्टूडेंट पार्टनरशिप वर्ल्डवाइड इंडिया ट्रस्ट की नेतृत्व में चार जिलों में किया जा रहा है.
यूनिसेफ के कार्यक्रम अधिकारी (स्वास्थ्य) श्री निर्भय नाथ मिश्रा ने विस्तृत प्रस्तुति देते हुए बिहार सरकार की विभिन्न रणनीतियों और अभियानों पर प्रकाश डाला, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 12 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि 12-14 वर्ष और 15-17 वर्ष के आयु वर्ग में टीकाकरण कवरेज केवल  28% और 64.2% है। श्री मिश्रा ने युवा स्वयंसेवकों को टीके और कोविड से संबंधित मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए विश्वसनीय तथ्यों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रिकॉशन डोज के महत्व पर जोर दिया और कहा, “युवा स्वयंसेवक, लोगों को प्रिकॉशन डोज प्राप्त करने के लिए उनकी नियत तारीख की गणना करने में मदद कर सकते हैं, जो कि COVID 19 टीकाकरण की दूसरी खुराक मिलने के 9 महीने बाद होती है। आप लोगों को उनके टीकाकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करने में भी मदद कर सकते हैं क्योंकि आज के समय में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, संचार विशेषज्ञ, सुश्री निपुण गुप्ता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि युवाओं  में काफी क्षमता हैं और वे अपने समुदायों में बदलाव लाने के लिए बहुत उत्साहित हैं। यह उन्मुखीकरण  सत्र पटना, गया, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर के चार जिलों के युवा चेंज मेकर्स के चुनिंदा समूह के साथ आयोजित किया जा रहा है, जो आगे चलकर अपने साथियों, परिवारों और समुदायों के माध्यम से राज्य की कोविड के खिलाफ लड़ाई में समर्थन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा की यह  पहल कई  मायने में अनोखी है क्योंकि यह ‘किशोर विकास और भागीदारी’ दृष्टिकोण को अपनाती है, जिसका उद्देश्य स्थानीय किशोरों और युवाओं को COVID 19 वैक्सीन और COVID उपयुक्त व्यवहार के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने और समुदाय का नेतृत्व करने के साथ-साथ लैंगिक समानता, बाल अधिकार और सामाजिक समावेश पर भी ध्यान केंद्रित करने में सक्षम करता है।
श्री सुधाकर सिन्हा, सलाहकार, सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन, यूनिसेफ बिहार,  ने युवाओं को पारस्परिक संचार, सामुदायिक जुड़ाव से सम्बंधित रणनीतियों पर उन्मुख किया। उन्होंने सकारात्मक उदाहरणों और कहानियों को साझा करने और लोगों को समझाने के लिए विधायकों और पंचायत सदस्यों, धार्मिक  नेताओं, डॉक्टरों, कलाकारों, स्थानीय दुकानदारों जैसे स्थानीय प्रभावशाली लोगों के समर्थन का लाभ उठाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, “YCM  को केवल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, बिहार सरकार, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और अन्य अधिकृत स्रोतों के माध्यम से उपलब्ध सही सत्यापित जानकारी का उपयोग और प्रसार करना चाहिए ताकि टीकों और कोविड से संबंधित मिथकों को दूर किया जा सके।”
एसपीडब्ल्यू इंडिया प्रोजेक्ट के वरिष्ठ प्रबंधक, श्री फ्रैंकलिन पॉल ने कहा कि यंग चेंज मेकर्स को संचार और  निगरानी  में भी कौशल बढ़ाया जायेगा जिसके बाद वे  समुदाय में अंतर लाने में और कई प्रकार के स्थानीय अभियान चलाने में सक्षम होंग।   प्रश्न उत्तर सत्र में सुधा कुमारी, यंग चेंज मेकर, डिस्ट्रिक्ट यूथ फोरम, पटना ने पूछा कि बिना निर्धारित फोटो पहचान पत्र के लोगों का टीकाकरण कैसे हो सकता है. श्री निर्भय मिश्रा ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के दिशा-निर्देशों के बारे में साझा किया, जिसमें कहा गया है कि जिला स्तर के अधिकारी ऐसे लोगों की पहचान करेंगे, जिनके पास वैध फोटो आईडी कार्ड नहीं ह।  इन् व्यक्तियों में मुख्य रूप से प्रवासी, निराश्रित, भिखारी, जेल में बंद  इत्यादि  लोग आते है और सरकार इन् तक पहुंचने के लिए टीकाकरण की सुविधा प्रदान करेगा ।
CORBEVAX वैक्सीन पर एक अन्य प्रतिभागी के प्रश्न का उत्तर देते हुए, श्री मिश्रा ने कहा कि इसे 12-14 आयु वर्ग के बच्चों को उनके पहचान प्रमाण के अनुसार और दो खुराक के बीच 28 दिनों के अंतराल में टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
वाईसीएम की धारणा को समझने और प्रशिक्षण के बाद उनकी सीख को मापने के लिए एक जनमत सर्वेक्षण और प्रतिक्रिया सत्र का आयोजन यूनिसेफ की यूएनवी सुश्री ऐश्वर्या अलेक्जेंडर और एसपीडब्ल्यू इंडिया प्रोजेक्ट ट्रस्ट के श्री दुर्गा शंकर पात्रा द्वारा किया गया था। प्रतिभागियों में गैर सरकारी संगठनों के सदस्य भी शामिल थे- श्री सत्यनारायण महापात्र, बिहार ग्राम विकास परिषद, सीतामढ़ी, सीएसईआई, पटना से श्री अशोक; श्री रंजीत कुमार, अमर त्रिशाला सेवा आश्रम, मुजफ्फरपुर और श्री वीरेंद्र, समग्र सेवा केंद्र, गया ने उनमुखीकरण में हिस्सा लिया ।