– 29 मार्च को जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय परिसर स्थित सभागार हाॅल में दिया जाएगा प्रशिक्षण
– सिविल सर्जन ने पत्र जारी कर जारी कर सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण में शामिल होने के दिए निर्देश
लखीसराय, 25 मार्च।
आगामी 29 मार्च को जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय परिसर स्थित सभागार हाॅल में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सकों को एईएस (चमकी बुखार) का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, एक-एक एमबीबीएस डाॅक्टर, आरबीएसके के डाॅक्टर समेत बीएचएम, बीसीएम और कालाजार के वीबीडीएस शामिल होंगे। प्रशिक्षण की सफलता को चल रही तैयारियाँ को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वहीं, आयोजित होने वाले प्रशिक्षण में शत-प्रतिशत प्रतिभागियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को लेकर सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी ने पत्र जारी कर सभी प्रतिभागियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। ताकि शत-प्रतिशत प्रतिभागी प्रशिक्षण में शामिल हो सकें और प्रशिक्षण का सफलतापूर्वक समापन सुनिश्चित हो सके। प्रशिक्षण का शुभारंभ 11 बजे से होगा।
– चमकी बुखार के कारण, लक्षण, बचाव और समुचित उपचार की दी जाएगी जानकारी :
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी ने बताया, 29 मार्च को दिन के 11 बजे से जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय के सभागार हाॅल में एक दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ होगा। जिसमें सभी प्रतिभागियों को चमकी (एईएस) बुखार के कारण, लक्षण, बचाव और समुचित इलाज की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। ताकि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी प्रतिभागी संबंधित मरीजों का सुविधाजनक तरीके जरूरी इलाज कर सकें और मरीजों को भी इलाज के लिए जिले से बाहर नहीं जाना पड़े। इसको लेकर सभी प्रतिभागियों को पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं।
– राज्यस्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले चिकित्सकों द्वारा दिया जाएगा प्रशिक्षण :
यह प्रशिक्षण चिकित्सक डाॅ अश्विनी कुमार और डाॅ विभूषण कुमार द्वारा जिले के सभी प्रतिभागियों को दिया जाएगा। दोनों प्रशिक्षक चिकित्सक, राज्यस्तर पर एईएस का पूर्व में ही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। वहीं, प्रशिक्षण के सफल संचालन को लेकर करीब-करीब सारी तैयारियाँ पूरी कर ली गई है। शेष बची तैयारियाँ को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
– ये है चमकी बुखार के लक्षण :
– लगातार तेज बुखार चढ़े रहना।
– बदन में लगातार ऐंठन होना।
– दांत पर दांत दबाए रहना।
– सुस्ती चढ़ना।
– कमजोरी की वजह से बेहोशी आना।
– चिउंटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि।
– चमकी बुखार से बचाव को ये सावधानियां हैं जरूरी :
– बच्चे को बेवजह धूप में घर से न निकलने दें।
– गन्दगी से बचें , कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें।
– ओआरएस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी लगातार पिलायें।
– रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
– बुखार होने पर शरीर को पानी से पोछें।
– पारासिटामोल की गोली या सिरप दें।