– जिले के विभिन्न प्रखण्डों में पिछले तीन महीने के दौरान जीएनएम नर्सो के लिए अमानत ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन
– केयर इंडिया के सहयोग से जिले भर में जीएनएम नर्सो के स्किल डेवलपमेन्ट के लिए अमानत ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम
लखीसराय-
संस्थागत सुरक्षित प्रसव और मातृ – शिशु स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए केयर इंडिया के सहयोग से सदर अस्पताल हॉस्पिटल सहित जिले के विभिन्न अस्पताल हॉस्पिटल और पीएचसी में कार्यरत जीएनएम नर्सो को दी गई अमानत ओरिएंटेशन ट्रेनिंग ।
केयर इंडिया की कि ट्रेनर नर्स मॉनेटरिंग सुपरवाइज़र ने बताया कि अमानत ओरिएंटेशन ट्रेनिंग के माध्यम से जीएनएम नर्सो को ऑन द स्पॉट नहीं बल्कि डमी के माध्यम से सभी तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया गया । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मरीजों की बुनियादी प्रक्रियाओं के बेसिक प्रोसिजर और उनमें आने वाली ले जटिलताओं कॉम्प्लिकेशन की पहचान करने के साथ उसका समुचित इलाज करने की जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि सुरक्षित संस्थागत प्रसव और मातृ- शिशु स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिले भर में नई जीएनएम नर्सो के लिए ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित की गई थी।
जिले भर में कब और कहां आयोजित की गई जीएनएम ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम :
प्रशिक्षक ने बताया कि जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड में सितंबर महीने में 6 नई जीएनएम नर्सो के लिए ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित की गई। इसी तरह हलसी में अक्टूबर के महीने में 6 जीएनएम नर्सो के लिए ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया की गई। सदर अस्पताल हॉस्पिटल लखीसराय में नवंबर के महीने में 5 नई जीएनएम नर्सो के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया की गई। इस प्रकार से पिछले तीन महीने के दौरान जिले के विभिन्न प्रखण्डों सहित सदर अस्पताल हॉस्पिटल लखीसराय में कुल 17 नई जीएनएम नर्सो के स्किल डेवलपमेंट डेवलोपमेन्ट के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित किया गया कि गई।
जीएनएम ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य :
जिले भर की जीएनएम नर्सो के लिए ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य उन्हें हॉस्पिटल के सभी विभाग जैसे ऑपरेशन थिएटर रूम, लेबर रूम, ओपीडी सहित अन्य विभागों के बारे में विस्तृत रूप से तकनीकी जानकारी देना है। उन्हें इन विभागों में काम करने के लिए मरीजों से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं प्रोसिजर और जटिलताओं कॉम्प्लिकेशन की जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि ओरिएंटेशन ट्रेनिंग से पहले और बाद में जीएनएम नर्सो की टेस्ट ली गई। इस दौरान यह देखा गया कि प्रशिक्षण के बाद जीएनएम नर्सो का मार्क्स अधिक था। इससे यह जाहिर होता है कि ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम से जीएनएम नर्सो को काफी तकनीकी जानकारी मिली है।
ओरिएंटेशन ट्रेनिंग में जीएनएम नर्सो को इन बिंदुओं की दी गई जानकारी :
जीएनएम ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम से जीएनएम नर्सो की प्रैक्टिकल के साथ स्किल डेवलपमेंट किया जाता है। इस दौरान उन्हें पीपीई डोनिंग एंड डोफिंग, हैंड वाशिंग, वाइटल मॉनिटर,बीपी- पल्स रेट, टेम्परेचर चेकिंग, ऑक्सीजन लगाना, इंजेक्शन लगाना, कैथेटर लगाना, ऑटो क्लेव लगाना, लेबर रूम ब्यवस्थित करना, बायोमेडिकल वेस्ट प्रोडक्ट का प्रबंधन करने के साथ हीं मरीजों में होने वाले कॉम्प्लिकेशन को पहचानने और उसे मैनेज करने के लिए तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया गया।
आने वाले समय में प्रशिक्षित जीएनएम की भूमिका :
जीएनएम ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद जीएनएम नर्स तकनीकी रूप से इतनी सक्षम होंगी कि हॉस्पिटल के किसी भी विभाग में काम करने के दौरान आसानी से मरीजों में होने वाली परेशानी को पहचान कर उसका सही तरीके से इलाज कर पाएंगी। एक आंकड़ा आंकड़ों के अनुसार देश और राज्य में अभी भी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों को कमी है। ऐसा संभव है कि आने वाले दिनों में जहां स्त्री रोग विशषज्ञ डॉक्टर की कमी है वहां तकनीकी तौर पर दक्ष जीएनएम नर्स हीं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की भूमिका में कार्य करेगी।
मातृ और शिशु स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में जीएनएम ओरिएंटेशन ट्रेनिंग की भूमिका :
ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्राप्त जीएनएम नर्स सुरक्षित संस्थागत कराने में अहम भूमिका अदा करेगी। जीएनएम नर्सो को लेबर रूम और ऑपरेशन थियेटर से सबंधित सभी आवश्यक तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया गया है ताकि वो इन स्थानों पर मरीजों में होने वाली कॉम्प्लिकेशन की पहचान कर उसका यही समय पर समुचित इलाज कर सके। इस प्रशिक्षण के बाद मातृ- शिशु स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के साथ हीं मातृ- शिशु मृत्यु दर को भी कम करने में मदद मिलेगी। आने वाले दिनों में वैसे स्थानों पर जहां स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी होगी वहां ये प्रशिक्षित जीएनएम नर्स स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की भूमिका अदा करेगी।