होलिका दहन- की पूजा विधि

174

 

प्रथम पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर अपने गोत्र का एवं अपना नाम तथा पत्नी बच्चों का नाम लेकर बोले मेरे एवं मेरे परिवार की सुण्डा नाम राक्षसी द्वार की हुई पीड़ा सर्वदा के लिए समाप्त हो अतैव मैं होलिका का यथाशक्ति पूजन कर रहा हूं।

ऊं होलिकायै नमः बोलकर ध्यान करें फिर गंगाजल, रोली, चावल पुष्प, धूप दीप नेवेद्म (भोग) फल, पान सुपाड़ी, द्रव्य होली को अर्पण करें। सुविधा के लिए पीले या लाल वस्त्र में उपर्युक्त सामग्री मौली से बांध कर होली में डालें, फिर कपूर से आरती करे तथा प्रार्थना करें कि हे होली माता मेरे एवं मेरे परिवार तथा मेरे देश में निरंतर सुख समृद्धि की वृद्धि हो एवं ईर्ष्या द्वेष, असत्य काम क्रोध लोभ मोह सदा दूर हों एवं नवीन वर्ष पूर्व मंगलमय हो। होवें सुखी सब लोग हे प्रभु अरु निरामय हो सभी कल्याण को देखें सभी कोई न पावे दुख कमी।