– यक्ष्मा विभाग के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने जिलों के संचारी रोग पदाधिकारी को जारी की चिट्ठी
– पीएमडीटी गाइडलाइन 2021 के अनुसार अब इंजेक्टेबल रेजिमेन को बंद कर ओरल ड्रग रेजिमेन के द्वारा टीबी रोगियों का उपचार होगा
मुंगेर, 28 अप्रैल। अब टीबी ड्रग रेजिस्टेंट और ड्रग सेंसेटिव मरीजों को नहीं लगाया जाएगा इंजेक्शन। ओरल रेजिमेन से उपचार होगा । इसके लिए यक्ष्मा विभाग के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. बाल कृष्ण ने सभी जिलों के संचारी रोग पदाधिकारी को चिट्ठी जारी की है।
डिस्ट्रिक्ट टीबी/एचआईवी कोऑर्डिनेटर शलेन्दु कुमार ने बताया कि पीएमडीटी गाइडलाइन 2021 के अनुसार अब शॉर्टर इंजेक्टेबल रेजिमेन को बंद कर ओरल ड्रग रेजिमेन के द्वारा टीबी रोगियों का उपचार करने का निर्देश प्राप्त हुआ है। इस संबंध में 19 अप्रैल 2022 को भारत सरकार के उप महानिदेशक यक्ष्मा ने भी पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि ओरल ड्रग रेजिमेन में एक निश्चित सीक्वेंस के अनुसार टीबी मरीजों का उपचार किया जाता है। इसके साथ ही 30 मार्च 2022 को आयोजित की गई वर्चुअल मीटिंग में भी “डिफिकल्ट टू ट्रीट टीबी केस” के विषय में चर्चा करते हुए कहा गया कि शीघ्र ही कानामाइसिन, सेपरियो माइसिन आदि इंजेक्शन के स्टॉक को एक्सपायर होने से पहले उपयोग कर लिया जाय।
उन्होंने बताया कि पीएमडीटी गाइडलाइन 2021 के अनुसार आगे से कानामाइसिन, सेपरियो माइसिन, एमिकैसिन और स्ट्रिप्टो माइसिन जैसे इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं की जाएगी, परन्तु वर्तमान में जिन टीबी मरीजों को इन इंजेक्शन का कोर्स चल रहा है उन रोगियो को इंजेक्शन का कोर्स पूरा होने तक नियमानुसार इंजेक्शन का डोज़ जारी रहेगा।