-धूप में बेवजह घरों से निकलने से करें परहेज
-पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करें
बांका, 16 जुलाई-
बारिश का मौसम चल रहा है, लेकिन तेज धूप और उमस से लोगों का बुरा हाल है। मानसून के रूठने की वजह से लोग बेमौसम बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। ऐसे मौसम में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। अभी के समय में 40 डिग्री के आसपास तापमान रहने और चिलचिलाती धूप ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इस तरह के मौसम में लू, डिहाइड्रेशन समेत अन्य बीमारियों की चपेट में आने की संभावना बढ़ गई है। पिछले कई दिनों से तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। इस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इन परेशानियों के प्रभाव से दूर रहने के लिए सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है, ताकि मौसमी बीमारियों से आप दूर रह सकें। अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत बन सकती है। इन बदलते मौसम में खासकर नवजातों व बुजुर्गों के स्वास्थ्य के प्रति विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। युवाओं के मुकाबले नवजातों और बुजुर्गों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसलिए नवजातों और बुजुर्गों के खान-पान समेत अन्य दिनचर्या का ख्याल रखने की जरूरत है।
एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी कहते हैं कि इस बदलते मौसम में लोगों को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। थोड़ी सी लापरवाही भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। मौसमी बीमारी से बचाव के लिए पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना चाहिए। साथ ही इस मौसम में नवजातों व बुजुर्गों का भी विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखें। दरअसल, साफ-सफाई हमें न सिर्फ मौसमी बीमारियों से बचाता है, बल्कि हर संक्रामक बीमारी से दूर रखता और स्वस्थ शरीर निर्माण में भी सहयोग करता है।
धूप में अनावश्यक निकलने से करें परहेजः डॉ. चौधरी कहते हैं कि तापमान में हो रही वृद्धि के कारण मौसमी बीमारियों की संभावना रहती है। ऐसे में हर आयु वर्ग के लोगों को खाली पेट और अनावश्यक घरों से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। अगर निकलते भी हैं तो निश्चित तौर पर खाना खाकर और निकलने के पूर्व नींबू-पानी जरूर ले लें। यह आग उगलती धूप के प्रभाव से बचाव के लिए काफी हद तक कारगर होगा। खासकर बच्चों को अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलने दें और बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।
डॉक्टर से सलाह लेकर दवा का करें सेवनः डॉ. चौधरी कहते हैं कि बदलते मौसम में स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए व्यायाम पर भी बल दें और नियमित रूप से व्यायाम करें। साथ ही समय पर खाना खाएं। किसी प्रकार की स्वास्थ्य पीड़ा होने पर तुरंत चिकित्सकों से आवश्यक जांच करानी चाहिए। खुद से डॉक्टर बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। यह नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए डॉक्टर को दिखाएं और उनके परामर्श के मुताबिक दवा का सेवन करें। साथ ही मौसमी व संक्रामक बीमारी से बचने के लिए पूर्व की भाति रहन-सहन में भी सकारात्मक बदलाव करें। इसके लिए शौचालय समेत घर के अन्य जगहों की नियमित साफ-सफाई करें। आवश्यकतानुसार ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराएं। घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें। कूड़ेदान का उपयोग करें।