-आतिशबाजी से परहेज कर इनका रखें खास ध्यान
-दिवाली में तेज आवाज वाले बम फोड़ने से करें परहेज
बांका, 2 नवंबर
रोशनी का त्यौहार दिवाली हमारे लिए तमाम खुशियां लेकर आया है। इस बार तो कोरोना भी लगभग खत्म हो गया है। तीसरी लहर की आशंका जरूर है, लेकिन उसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने मुकम्मल तैयारी भी कर रखी है। ऐसे में हम दिवाली पर जमकर जश्न भी मनाएंगे, लेकिन सेहत का भी ध्यान रखना जरूरी है। खासकर वैसे लोग, जिनके घरों में बीमार और बुजुर्ग हैं। न सिर्फ अपने घर पर, बल्कि अगर पड़ोस के भी किसी घर में बीमार और बुजुर्ग हैं तो थोड़ा संभलकर रहें। आतिशबाजी से परहेज करें। ज्यादा आवाज वाले बम फोड़नें से बचें। फुलझड़ी छोड़कर अपनी खुशी का इजहार करें। इससे आपकी खुशी भी मन जाएगी और बीमार और बुजुर्ग लोगों को परेशानी भी नहीं होगी।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार कहते हैं कि दिवाली एक बड़ा त्यौहार है। इस मौके पर लोग जमकर आतिशबाजी करते हैं। ऐसा करने से लोगों को बचना चाहिए। खासकर तेज आवाज वाले पटाखे नहीं फोड़ना चाहिए। यह नुकसानदायक होता है। बीमार और बुजुर्ग लोगों को तो इससे परेशानी होती ही है। साथ में अन्य लोगों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए दिवाली जमकर मनाएं, लेकिन पटाखों के शोर से बचें।
पटाखों की आवाज से बढ़ता है ब्लड प्रेशरः डॉ. चौधरी कहते हैं कि जिनको हाइपरटेंशन की समस्या है, उन्हें दिवाली पर अपना खास ध्यान रखना चाहिए। पटाखों की आवाज से सीने में तेज दर्द हो सकता है। इस तरह की परेशानी से निपटने के लिए बेहतर होगा कि डॉक्टर से पहले ही दवा लिखवाकर रख लें। यह भी याद रखें कि पटाखों की आवाज से भी ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है। ये स्ट्रोक का कारण भी बना सकता है। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए कान में रुई लगाना बिलकुल नहीं भूलें। ब्लड प्रेशर के मरीज और दिल के रोगी दूर से ही आतिशबाजी का मजा लें।
खाना का भी रखें ख्यालः डॉ. चौधरी कहते हैं कि दिवाली में जश्न मनाने के दौरान आतिशबाजी के बीच अगर दिल के मरीजों को चक्कर या घबराहट महसूस हो तो वह तुरंत लेट जाएं। अगर पहले से ही इस परिस्थिति के लिए दवा है तो उसे लें या फिर डॉक्टर से संपर्क करें। आपके घर में अगर किसी ने हाल ही में एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी करवाई है तो उनका खास ख्याल रखें। आतिशबाजी से पूरी तरह से परहेज करें। उनके कान के पर्दे फटने का खतरा भी रहता है। मिठाई के अत्यधिक सेवन से भी करें परहेज। ज्यादा नमक, ज्यादा मीठा और तला-भुना खाना दिल की सेहत पर भी असर डालते हैं।
गर्भवती महिलाएं और बच्चों का भी रखें खास ध्यानः डॉ. चौधरी कहते हैं कि पटाखों से बीमारों और बुजुर्गों को तो नुकसान होता ही है, गर्भवती महिलाओं को भी इससे परहेज करने की जरूरत है। गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ बच्चों को पटाखे से नुकसान होता है। बच्चे के जन्म के बाद भी उसमें कई तरह की समस्या हो सकती है। वहीं पटाखों की तेज आवाज से बच्चों के कान के पर्दे फटने, त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचने की संभावना रहती है।