बांका में अब चलेगा तंबाकू के खिलाफ सघन अभियान

38

–सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करते पकड़े जाने पर भरना पड़ेगा जुर्माना
–समाहरणालय में तंबाकू निषेध को लेकर कार्यशाला का आयोजन

बांका-

जिला पदाधिकारी सह जिला तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति के अध्यक्ष अंशुल कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को समाहरणालय में तंबाकू निषेध को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिले के सभी अधिकारियों के आलावा स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के भी अधिकारी शामिल हुए। अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने कहा कि तंबाकू के सेवन से न सिर्फ सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता बल्कि आर्थिक नुकसान भी होता है। इसलिए तंबाकू का सेवन नहीं करने से जिंदगी के साथ-साथ आर्थिक नुकसान से भी बचा जा सकता है। इस मौके पर जिलाधिकारी ने तंबाकू को लेकर छापेमार दस्ते के गठन का निर्देश दिया। साथ ही छापेमारी दस्ते के सभी सदस्यों को शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में स्थित तंबाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को हटवाने को लेकर नियमित तौर पर छापेमारी करने का निर्देश दिया। सभी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से अपने-अपने कार्यलयों में तंबाकू मुक्त क्षेत्र का बोर्ड लगाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना चाहिए। इससे हम अपने आने वाली पीढ़ी के भविष्य को बचा सकते हैं। साथ ही समाज के आमलोगों के बीच जाकर लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित और जागरूक करना होगा। इससे तंबाकू के सेवन पर नियंत्रण लगाने में सफलता मिलेगी।
तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी का सहयोग जरूरीः तंबाकू नियंत्रण को लेकर राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के वरीय राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. सोमिल रस्तोगी ने राज्य सरकार एवं सीड्स के द्वारा संयुक्त रूप से राज्य के सभी 38 जिलों में चलाए जा रहे तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कोटपा 2003 की भी विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तार से बताया। रस्तोगी ने बताया कि तंबाकू का सेवन करना कितना खतरनाक है। जहां छोटे-छोटे बच्चे हैं वहां तो स्थिति और भी नाजुक बन जाती है। तंबाकू नियंत्रण अभियान के रूप में चलाये जाने के काफी अच्छे परिणाम हो सकते हैं। सभी स्तर पर तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोविड-19 से लड़ कर विजय प्राप्त किया, उसी तरह हमें तंबाकू को समाप्त करने के लिए लड़ाई लड़नी चाहिए।
सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू के सेवन दंडनीय अपराधः मालूम हो कि सार्वजनिक स्थानों, सिनेमा ह़ॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सड़क, शिक्षण संस्थान, कार्यलयों सहित अन्य स्थानों पर धूम्रपान करना दंडनीय अपराध है। कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. रविंद्र नारायण ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से संबंधित जिले में की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी। कार्य़शाला में उपविकास आयुक्त, डीपीआरओ, पुलिस उपाधीक्षक, एनसीडीसेल के वित्तीय सह लॉजिस्ट्रिक सलाहकार राजेश कुमार, सीड्स के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार झा, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह सहित कई लोगों ने सहयोग किया।