मुंगेर जिले में 1लाख 56 हजार लोगों का बनाया जा चुका है जन आरोग्य गोल्डन ई. कार्ड

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– 10 से 31 मार्च के बीच जिले के 24531 लोगों का बना गोल्डन कार्ड

– इस दौरान जिले के कुल 42 प्रतिशत परिवार और 20 प्रतिशत लाभुक सत्यापित हुए हैं

मुंगेर –

मुंगेर में 6 अप्रैल तक 6 लाख 56 हजार 734 लोगों को गोल्डन ई. कार्ड बनाने के लक्ष्य के विरुद्ध कुल 1 लाख 56 हजार 665 लोगों का आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य गोल्डन ई. कार्ड बनाया जा चुका है । 10 से 31 मार्च तक आयुष्मान भारत पखवाडा के विस्तारित होने के बाद जिले भर में 31 मार्च तक कुल 24531 लोगों का गोल्डेन ई. कार्ड बनाया जा चुका है।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक ज्योति कुमारी ने बताया , आयुष्मान पखवाडा के दौरान जिले के कुल 42 प्रतिशत परिवारों को और 20 प्रतिशत लाभुकों को सत्यापित किया गया है। जिले के विभिन्न पंचायत और शहरी क्षेत्र में कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर लोग निःशुल्क आयुष्मान भारत गोल्डन ई. कार्ड बनवा सकते हैं। यहां कार्यरत कार्यपालक सहायक को सभी लाभुकों को पीवीसी कार्ड प्रोवाइड कराना है। उन्होने बताया, सभी लोग ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में कॉमन सर्विस सेंटर या वसुधा केंद्र पर राशन कार्ड, प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए लेटर सहित सबंधित अन्य आवश्यक कागजात लेकर सभी कार्य दिवस के दिन कार्यपालक सहायक या वहां कार्यरत डाटा इंट्री ऑपरेटर या वीएलई से अपना आयुष्मान भारत गोल्डन ई. कार्ड बनवा सकते हैं। उन्होंने बताया , आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आयुष्मान भारत एप पर लाभुक के नाम और पता का वेरिफिकेशन होने के बाद ही उनका कार्ड बनता है। इसलिये कोई जरूरी नहीं है कि रजिस्ट्रेशन कराने वाले सभी लोगों का वेरिफिकेशन होने के बाद उनका गोल्डन कार्ड बने। इस दौरान कुछ लोगों के नाम और पता का वेरिफिकेशन नहीं होने कि स्थिति में उनका गोल्डन ई. कार्ड नहीं भी बन पाता है। ऐसा इसलिए होता है कि आयुष्मान भारत जन आरोग्य एप पर 2011 की जनगणना के अनुसार ही डाटा लोड किया गया है ।उस डाटा से नाम और पता मैच नहीं होने की स्थिति में उनका कार्ड नहीं बन पाता है।

आयुष्मान भारत गोल्डन ई. कार्ड बनने के लिए काम कर रही है एक संस्था :
उन्होंने बताया जिले में गोल्डन ई. कार्ड बनने के लिए डब्लूटीआईएसएल नाम की एक संस्था भी ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र में काम कर रही है। इस काम के लिए इस संस्था का अनुबंध है।

आयुष्मान भारत गोल्डन ई. कार्ड के लिए नया नाम जोड़ने का अभी नहीं है कोई प्रावधान :
उन्होंने बताया आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत नया नाम तभी जुड़ सकता है जब उस परिवार में किसी बच्चे का जन्म हुआ तो उसका जन्म प्रमाण पत्र दिखाकर और परिवार में नई बहू आने के बाद उसका विवाह प्रमाण पत्र दिखाकर इसके अलावा किसी अन्य का नाम जोड़ने का अभी कोई प्रावधान नहीं है। इसके साथ ही आयुष्मान भारत एप के अनुसार किसी के नाम में पूरी तरह से अंतर आने के बाद भी उनका नाम वेरिफाई नहीं हो पाता है और उनका गोल्डन ई. कार्ड भी नहीं बन पाता है। उन्होंने बताया पिछले वर्ष आयुष्मान पखवाडा के दौरान आयुष्मान भारत गोल्डन ई. कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले वैसे लाभुक जिन्हें कार्ड नहीं मिल पाया हो वो अपने कार्यापालक सहायक या कॉमन सर्विस में डाटा इंट्री का काम करने वाले से संपर्क कर अपना गोल्डन कार्ड प्राप्त कर लें क्योंकि उनका कार्ड इन्ही लोगों के आईडी से बना होगा और वो ही उपलब्ध करा सकेंगे। इसके साथ ही इस बार भी कार्ड बनवाने वाले लोग कार्ड के लिए इनसे सम्पर्क कर सकते हैं। विशेष परिस्थिति में लोग कार्ड सम्बंधी विशेष जानकारी के लिए सिविल सर्जन कार्यालय स्थित आयुष्मान भारत के कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।