स्तनपान को लेकर महिलाओं को किया जागरूक

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-नवगछिया अनुमंडल के गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया दौरा
-जन्म से छह महीने तक स्तनपान कराने को लेकर माताओं को किया जागरूक
भागलपुर, 30 दिसंबर
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकारी अस्पतालों में तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसे लेकर क्षेत्र में लगातार जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। इसके बावजूद कुछ महिलाओं की डिलीवरी घर पर ही हो जाती है। ऐसी महिलाओं को बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करना जरूरी हो जाता है। इसी सिलसिले में  स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को नवगछिया अनुमंडल के ढोलबज्जा समेत कई गांवों का दौरा किया। टीम में तैनात डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता ने महिलाओं को स्तनपान करने के लिए जागरूक किया। माताओं को स्तनपान से होने वाले फायदे के बारे में बताया और यह कितना जरूरी है इसकी जानकारी दी।
टीम में मौजूद डॉ. असद जावेद ने कहा कि बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जागरूक करना बहुत ही जरूरी हो जाता है। उन्हें इस बात की ज्यादा जानकारी नहीं होती है कि अभी के समय में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, जिससे बच्चा स्वस्थ रहे। प्रसव के बाद महिलाओं को छह महीने तक स्तनपान कराने के लिए कहा गया। इसके बाद पूरक आहार देने के लिए कहा गया। पूरक आहार में खिचड़ी और खीर खिलाने की सलाह दी गई। साथ ही साफ-सफाई का ध्यान भी रखने के लिए कहा गया। गंदगी की वजह से भी नवजात के बीमार पड़ने की आशंका रहती है। इन बातों पर महिलाओं को सतर्क रहने के लिए कहा गया। साथ ही बच्चे को किसी तरह की परेशानी होने पर नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर डॉक्टर से संपर्क करने के लिए कहा गया।
स्तनपान कराने से रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है मजबूतः डॉ. जावेद ने कहा कि छह महीने तक बच्चों को  स्तनपान कराने से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहने से वह भविष्य में होने वाली किसी भी बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है। अगर बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी, तो वह जल्दी किसी बीमारी की चपेट में आएगा ही नहीं। अगर आ भी गया तो उस पर इसका हल्का असर होगा। इस वजह से वह जल्द ही उससे निजात पा लेगा। साथ ही दो बच्चों के बीच तीन वर्ष का अंतराल रखने के लिए भी कहा गया। इससे भी बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
परिवार नियोजन के प्रति भी किया गया जागरूकः स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दौरे के दौरान लोगों को परिवार नियोजन के प्रति भी जागरूक किया। जो महिला दो बच्चे के बाद भी गर्भवती मिली, उसे प्रसव होने के बाद बंध्याकरण कराने के लिए कहा गया। साथ ही क्षेत्र में जो भी महिलाएं गर्भवती मिलीं, उसे संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक किया गया। नजदीकी सरकारी अस्पतालों में सभी तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। समय पूरा होने के बाद महिलाएं आशा कार्य़कर्ता से संपर्क कर सरकारी अस्पतालों का रुख करें। सरकारी अस्पतालों में प्रसव होने से जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहेगा। साथ ही गर्भवती महिलाओं को नियमित तौर पर जांच कराने के लिए भी कहा गया।