एमडीए अभियान को लेकर सिविल सर्जन ने जगदीशपुर का किया दौरा

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-आशा कार्यकर्ताओं से दवा वितरण की ली जानकारी
-अभियान को सफल बनाने को लेकर दिया निर्देश
भागलपुर, 23 सितंबर । फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान चल रहा है। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम तो जिले में सक्रिय है ही, साथ में जिले के वरीय अधिकारी और जिम्मेदार लोग भी अपनी तरह से इसमें सहयोग कर रहे हैं। आशा कार्यकर्ताओं की टीम घर-घर जाकर लोगों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली खिला रही हैं। जहां पर आशा कार्य़कर्ता नहीं हैं, वहां पर सेविका या फिर प्रेरक लोगों को दवा खिला रही हैं। अभियान ठीक तरीके से चल रहा है या नहीं, इसे लेकर सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने गुरावर को जगदीशपुर प्रखंड के मुखारिया गांव का दौरा किया। वहां पर उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से अभियान के बारे में जानकारी ली। उनसे अभियान की सफलता के बारे में पूछा। उनके साथ मौके पर केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक भी मौजूद थे।
सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर एमडीए अभियान ठीक तरीके से चल रहा है। जगदीशपुर के मुखारिया में सभी कुछ सामान्य मिला। सुपरवाइजर मौके पर नहीं दिखे, उन्हें अभियान में अपना काम सही तरीके से करने के लिए कहा गया। साथ ही पीएचसी प्रभारी को भी इसे लेकर सख्त निर्देश दिया गया। अभियान में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं हो, इसे लेकर उन्हें इस पर नजर बनाए रखने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि जिले में सभी जगह पर अभियान की गति अच्छी है। उम्मीद है कि हमलोग हर हाल में लक्ष्य को हासिल कर रहेंगे। मालूम हो कि एमडीए अभियान के तहत जिले में 31 लाख लोगों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की दवा खिलानी है। अभी अभियान का पहला चरण चल रहा है। दूसरा चरण एक से 10 अक्टूबर तक चलेगा। दोनों चरणों में जिले के 31 लाख लोगों को दवा खिलानी है।
जिला जज ने फोनकर स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुलाया: एक तरफ जिले में एमडीए अभियान काफी सफल तरीके से चल रहा है तो दूसरी ओर जिले के वरीय अधिकारी भी इसकी गंभीरता को समझते हुए अपना योगदान कर रहे हैं। इसी सिलसिले में गुरुवार को जिला जल शिव गोपाल मिश्र ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुलाया। उनका फोन आते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके आवास पर पहुंची। इस दौरान जिला जज समेत उनके 64 सहयोगियों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा दी गई। सभी लोगों ने अल्बेंडाजोल की गोली को चबाकर खाया।
गर्भवती महिलाओं और गंभीर तौर पर बीमारों को नहीं खिलाई जा रही दवाः दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की एक गोली, छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो और अल्बेंडाजोल की एक गोली और 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन और अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जा रही है। अल्बेंडाजोल की गोली लोगों को चबाकर खाने के लिए कहा जा रहा है। इसे लाभुकों को बताया जा रहा है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जा रही है। साथ ही गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी दवा नहीं खिलाई जा रही है।