फीडिंग डेमोनस्ट्रेटर वीणा मुर्मू ने अपने प्रयासों से संवारे दो दर्जन नौनिहालों के जीवन

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– पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों की हो रही है बेहतर देखभाल

जमुई-

जिले के पोषण पुनर्वास केंद्र की उपलब्धियों में वहाँ कार्य कर रहे समस्त कर्मियों के साथ-साथ फीडिंग डेमोनस्ट्रेटर वीणा मुर्मू का भी खास योगदान माना जा रहा है। इन्होंने क्लीनिकल न्यूट्रीशन एवं डायेटिक में परास्नातक की पढ़ाई तो की ही है साथ में संबंधित विषय पर कार्य करने का अनुभव भी प्राप्त किया है | वीणा कहती हैं कि बच्चों को कुपोषण से बचाने की स्वास्थ्य विभाग की मुहिम में वह एक अनुशाषित योद्धा की तरह तन्मयता के साथ लगी हुई है। उन्होने जिले के सभी जागरूक लोगों से अपील की है कि पोषण पुनर्वास केंद्र की सेवाओं का लाभ कुपोषण जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे बच्चों के जीवन में स्वाभाविक किलकारी लाने में अवश्य करें | वर्ष 2021 के 25 जनवरी से मार्च के प्रथम सप्ताह तक 24 बच्चों को पोषण की श्रेणी में लाये जाने की जानकारी साझा करते हुए कहती हैं कि यहाँ अधिकतर अभिभावकों के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता और उम्र अनुसार खानपान को अपने व्यवहारों में शामिल करने की जरूरत है | यहाँ 14 से 21 दिनों तक एक माह से 59 महीने के कुपोषण ग्रसित बच्चों को शामिल किया जाता है |
इस मुद्दे पर वहां सेवा पाने वाली एक चौबीस माह की बच्ची की माता लक्ष्मी देवी जो सदर प्रखंड के राजपुरा गाँव की रहने वाली है ने बताया मेरी बेटी के शारीरिक विकास में विलम्ब होने की जानकारी अपने गाँव की आंगनबाड़ी दीदी और आशा कार्यकर्ता से मिलते ही मैंने यहाँ आने का निर्णय लिया । वीणा दीदी से मिले परामर्श को लगातार दो सप्ताह से अपना रही हूँ । मेरी बेटी में काफी सुधार आया है |
15-15 दिनों पर दो माह तक आशा और आंगनबाड़ी दीदी करती हैं अनुश्रवण:
एक 3 वर्षीय बच्चे की माँ सविता देवी सिकंदरा प्रखंड ने बताया कि यहाँ से जाने के बाद 15-15 दिनों पर अगले दो माह तक आशा और आंगनबाड़ी दीदी के माध्यम से मेरी बच्ची के पोषण स्वास्थ्य की जानकारी ली जाएगी इससे मुझे भरोसा है कि अब स्वस्थ आदतों को अपनाकर मैं स्वयं और आसपास के मेरी जैसी माताओं को यहाँ आने के लिए आश्वस्त करुँगी ताकि पोषण पुनर्वास केंद्र से मिलने वाले सेवाओं की जानकारी सभी जरूरतमंदों तक पहुँच सके |