काउंसिलिंग कर अंतरा और छाया का किया गया वितरण

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-अस्पतालों में परिवार नियोजन को लेकर लोगों की काउसिलिंग
-परिवार नियोजन के अस्थाई संसाधनों का किया गया वितरण
बांका, 21 जनवरी।
हर महीने की 21 तारीख को अब परिवार नियोजन दिवस मनाया जा रहा है। शुक्रवार को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन दिवस मनाया गया। इसे लेकर सभी अस्पतालों में लोगों को परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री दी गई। सदर अस्पताल में परिवार नियोजन को लेकर सामग्री के वितरण के मौके पर एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी भी मौजूद थे। अस्पताल आने वाले लोगों को परिवार नियोजन से संबंधित अस्थाई सामग्री का वितरण किया जा रहा था। लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा रहा था और इससे होने वाले फायदे के बारे में बताया जा रहा था। इस मौके पर डीपीएम प्रभात कुमार राजू, डॉ राजकुमार चौधरी, अस्पताल मैनेजर अमरेश कुमार, केयर इंडिया के डीटीएल तौसीफ कमर और कन्हैया कुमार समेत कई स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।
एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि अब हर महीने परिवार नियोजन दिवस का आयोजन हो रहा है। इससे परिवार नियोजन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। परिवार नियोजन दिवस के मौके पर कई तरह के आयोजन किए जा रहे हैं, जिससे लोग परिवार नियोजन के प्रति जागरूक हो रहे हैं। परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री के वितरण के साथ-साथ लोगों की काउंसिलिंग की गई। लोगों को परिवार नियोजन से होने वाले फायदे के बारे में भी बताया गया। उन्होंने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण है लोगों को परिवार नियोजन के प्रति अस्थाई संसाधनों पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करना। लोगों में इसके प्रति थोड़ा भ्रम रहता है। उसे दूर करने की जरूरत है। लोगों में यह सोच विकसित करनी पड़ेगी कि कंडोम, अंतरा जैसे अस्थायी संसाधनों के इस्तेमाल से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। ऐसा परिवार नियोजन दिवस के अवसर पर किया जा रहा है।
दो बच्चों के बीच 3 साल का अंतराल जरूरीः डॉ चौधरी ने बताया कि काउसिलिंग के दौरान लोगों को बताया कि दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल जरूरी है। अगर दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल रहता है तो जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है। इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित रहने से बच्चा भविष्य में होने वाली किसी भी तरह की बीमारी से सुरक्षित रहता है। इन सब बातों को लोगों को समझाया गया।
पहला बच्चा 20 साल के बादः डॉ चौधरी ने बताया कि परिवार नियोजन दिवस पर योग्य दंपतियों की काउंसिलिंग पर फोकस किया जा रहा है। एक बच्चे वाले दंपति को दूसरा बच्चा के लिए तीन साल का गैप रखना, 20 साल के बाद ही पहला बच्चा और अगर दो बच्चे हो गए हैं तो दंपति को बंध्याकरण के लिए मार्गदर्शन करने पर फोकस किया जा रहा है। ऐसा करने से होने वाले फायदे के बारे में भी दंपति को समझाया गया। काउंसिलिंग वाले काउंटर पर कई योग्य दंपतियों की काफंसिलिंग की गई। जरूरत पड़ने पर वहां पर डॉक्टर भी जाकर दंपति को समझाने का काम करते देखे गए।