– मरीजों की पहचान और उपचार के साथ-साथ कालाजार के कारण और लक्षण की भी दी गई जानकारी
– सदर अस्पताल परिसर स्थित मीटिंग हाॅल में प्रशिक्षण का आयोजन
लखीसराय, 8 अगस्त-
मंगलवार को लखीसराय सदर अस्पताल परिसर स्थित मीटिंग हाॅल में जिला वेक्टर जनित रोग-नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ धीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में कालाजार उन्मूलन को लेकर एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन हुआ। जिसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों के ग्रामीण चिकित्सक शामिल हुए। वहीं, प्रशिक्षण के दौरान कालाजार उन्मूलन को लेकर विस्तृत चर्चा करते हुए जनजागरूकता पर बल दिया गया तथा इस बीमारी की रोकथाम को लेकर आवश्यक जानकारी भी दी गई। वहीं, भीबीडी सलाहकार नरेंद्र कुमार ने प्रशिक्षण में मौजूद प्रतिभागियों को कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया, मरीजों की पहचान कैसे करनी, संक्रमित पाए जाने पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, मरीजों का लगातार फॉलोअप करने समेत अन्य विस्तृत जानकारी दी गई। इस मौके पर भीडीसीओ भगवान दास, भीबीडीएस दिलीप कुमार मालाकार, विनोद कुमार चौबे एवं केबीसी ललिता कुमारी आदि मौजूद थी ।
– कालाजार से बचाव के लिए जागरूक और लक्षण वाले व्यक्ति को इलाज के लिए प्रेरित करने की दी गई जानकारी :
जिला वेक्टर जनित-रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार ने बताया, प्रशिक्षण के दौरान मौजूद सभी प्रतिभागियों को कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करने एवं लक्षण वाले व्यक्ति को इलाज के लिए प्रेरित करने की भी विस्तृत जानकारी दी गई। ताकि लक्षण वाले व्यक्ति का समय पर जाँच के साथ आवश्यक इलाज शुरू हो सके और सामुदायिक स्तर पर भी लोगों को इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी मिल सके। जिससे शुरुआती दौर में ही लोग सजग हो आवश्यक कदम उठा सकें । सरकारी अस्पतालों में जाँच एवं इलाज की मुफ्त समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। वहीं, उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए जमीन पर नहीं सोएं । मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करें। दिन में भी मच्छरदानी लगाकर ही सोएं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें ।
– लक्षण वाले मरीजों को जाँच के लिए नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान भेजने में करेंगे सहयोग :
जिला भीबीडी सलाहकार नरेंद्र कुमार ने बताया, ग्रामीण चिकित्सक अपने क्षेत्र के कालाजार के लक्षण वाले मरीजों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में जाँच कराने के लिए प्रेरित करेंगे। ताकि ससमय उन्हें बीमारी की सही जानकारी मिल सके और उचित इलाज शुरू हो सके। इसके अलावा ऐसे मरीजों को जाँच कराने में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसके लिए ग्रामीण चिकित्सक नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान पहुँचने में भी सहयोग करेंगे। साथ ही ऐसे मरीजों को चिह्नित कर स्थानीय पीएचसी को भी जानकारी उपलब्ध करेंगे। इससे ना सिर्फ ऐसे मरीजों की समय पर जाँच और सही बीमारी की जानकारी सुनिश्चित होगी बल्कि, मरीजों को गंभीर परेशानियाँ का भी सामना नहीं करना पड़ेगा और सुविधाजनक तरीके से आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी ।
– कालाजार के लक्षण :
– लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता।
– प्लीहा में नुकसान होता है।
– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री , बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
– अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।