किसी के जीवन के साथ जो किसी को जीवन दे उसे रक्तदाता कहते है -डॉ. एन .पी. गाँधी

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कोविड संकट काल मे गाँधी दम्पति ने किया रक्तदान

जहाँ एक और कोरोना महामारी में हर और इंसान अपनी जान को बचाने में लगा है वही ,दूसरी और कोटा के युवा कपल डॉ नयन प्रकाश गाँधी ओ नेगेटिव एवं श्रीमती प्रीति गाँधी ओ पॉजिटिव ने हाल ही में कोरोनकाल के दौरान कोविड ,हार्ट ,थैलीसीमिया ,दुर्घटना ग्रस्त मरीजो हेतु मेड़तवाल नवयुवक संघ कोटा द्वारा आयोजित एवं रक्तकोष फाउंडेशन एवं वर्ल्ड यूथ आर्गेनाइजेशन कोटा इकाई के सयुक्त सहयोग से हाल ही में बुधवार को मेड़तवाल छात्रावास विज्ञान नगर कोटा में आयोजित इस भव्य रक्तदान शिविर में रक्तदान किया । रक्तदान शिविर में मेड़तवाल वैश्य सेवा समिति कोटा के अध्यक्ष एवं पुर्व वरिष्ठ नगर नियोजक यूआईटी श्री एस एन गुप्ता ,राधेश्याम गुप्ता ,नवयुवक संघ अध्यक्ष गुंजन गुप्ता ,सचिव गोपाल गुप्ता , श्रीमती चंदा गुप्ता ,शैलेन्द्र गुप्ता ,विवेक गुप्ता ,हिमांशु गुप्ता ,हर्षिल गुप्ता ,वेदांशी गुप्ता ,वर्ल्ड यूथ आर्गेनाइजेशन एवं रक्तकोष फाउंडेशन कोटा इकाई से डॉ. नयन प्रकाश गाँधी एवं कई सीनियर एवं युवा युवती महिलाओ ने कोरोना काल के संकटकाल में जूझ रहे मरीजो की असमय मृत्यु को देखते हुए बढ़चढ़कर उनके जीवन हेतु रक्तदान किया । गाँधी ने बताया कि उनके लिए सौभाग्य का क्षण था कि अनगिनत लोगो के जीवन को कोविड केयर सेंटर के बेहतर प्रबंधन में दिन रात सेवारत डीडीपीएस एवं एलन ग्रुप के निदेशक नवीन माहेश्वरी एवं राजस्थान सरकार के निदेशक एवं सयुक्त सचिव योजना विभाग आर्थिकी एवं संखियिकी निदेशालय राजस्थान सरकार डॉ. ओम प्रकाश बैरवा के जन्मदिवस के सुअवसर पर वह सपत्नीक कोविड के इस विकट काल मे उन्होंने रक्तदान किया। गाँधी दिशा डेल्फी एजुकेशन सोसाइटी कोटा के मानद सदस्य भी है । गाँधी ने आगे रक्तकोष फाउंडेशन के सक्रिय कार्यकर्ता एवं वर्ल्ड यूथ आर्गेनाइजेशन कोटा इकाई के अध्यक्ष एवं सयुक्त निदेशक डॉ. नयन प्रकाश गांधी ने बताया कि आगामी लगातार 18 उम्र से 45 तक के वेक्सीन लगाने की होड़ से रक्तदान की ब्लड बैंकों में भारी कमी को कई जगह बताया जा चुका है । इसी को देखते हुए यह रक्तदान शिविर आयोजित किया गया ।रक्तदान आसान एवं सुरक्षित प्रक्रिया है।सामान्य व्यक्ति एक बार रक्तदान कर तीन जानें बचा सकता है।स्वस्थ व्यक्ति ही रक्तदान कर सकता है, जिनकी उम्र 18 से 65 वर्ष तक हो। रक्तदाता की हीमोग्लोबीन 12.5 एवं वजन 45 किग्रा से कम नहीं होना चाहिए। – रक्तदान में कम से कम तीन माह का अंतर होना चाहिए।कई रिसर्च में बताया जा चुका बे ,रक्तदान करने से शरीर और स्वस्थ बनता है। डोनेट करने के बाद 24 घंटे में वापस शरीर में उतना ही ब्लड बन जाता है। बशर्ते आप खान-पानी सही रखें।रक्‍त के कणों का जीवन सिर्फ 90 से 120 दिन तक का होता है। प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्‍त का क्षय होता रहता है और नया रक्‍त बनता जाता है इसका हमें कोई अनुभव नहीं होता।ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। डॉक्टर्स का मानना है कि डोनेशन से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है। एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित ब्लड डोनेट करने से कैंसर व दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है, क्योंकि यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। शिविर में कोरोना गाइड लाइन के नियमो का पालन किया गया ,अंत में कृष्णा रोटरी ब्लड बैंक द्वारा सभी रक्तदाताओं को सहभागिता प्रमाण पत्र दिया गया ।साथ ही डिजिटल रूप से रक्तदान जीवनदान सम्मान प्रशंसा प्रमाण पत्र वर्ल्ड यूथ ऑर्गेनेइज़ेशन एवं रक्तकोष फाऊंडेशन कोटा इकाई द्वारा भी सभी रक्तदाताओं को दिए जाएंगे । गाँधी ने बताया कि वैक्सीन से पूर्व हर स्वस्थ युवा युवती महिला पुरुष को रक्तदान अवश्य करना चाहिए ताकि कोरोनकाल में हुई ब्लड बैंकों में रक्त कमी को पूरा किया जा सके ,क्योकि वेक्सीन लगने के कुछ महीनों तक रक्तदान नही किया जा सकता है और आगामी कोरोना एवं हार्ट ,थैलीसीमिया ,डायबिटीज एवं आपातकालीन दुर्घटना ग्र्स्त मरीजो की बढ़ती संख्या एवम कोरोना के भयावह स्थिति को देखते हुए ब्लड बैंकों में ब्लड की कमी निरन्तर देखी जा रही है अतः मानव धर्म निभाते हुए अफवाहों से दूर रहकर रक्तदान कर मानवीय जीवन को बचाने में हर जागरूक भारतीय इंसान होने के नाते पहल करनी चाहिए और दूसरों को प्रेरित करना चाहिए ।