केयर इंडिया के कर्मियों को खिलाई गई डीईसी और अल्बेंडजोल की दवा

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-जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर चल रहा अभियान
-31 लाख लोगों को दवा खिलाने का रखा गया है लक्ष्य

भागलपुर, 11 अक्टूबर

जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर अभी अभियान चल रहा है। इसके तहत सोमवार को केयर इंडिया के कर्मियों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई गई। केयर इंडिया के 80 कर्मियों को दवा दी गई। अभियान के तहत जिले के 31 लाख लोगों को दवा खिलाई जाएगी। अभी जिले में अभियान चल रहा है। आशा कार्यकर्ताओं की टीम लोगों को दवा खिला रही है। जहां पर आशा कार्यकर्ता नहीं हैं, वहां पर आंगनबाड़ी सेविका या फिर प्रेरक इस काम को कर रही हैं। अभियान के दौरान लाभुकों को अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खिलाई जा रही है। आशा कार्यकर्ताओं की टीम को क्षेत्र में लोगों को अपने सामने दवा खिला रही हैं। दवा खिलाने के बाद आशा कार्यकर्ता रजिस्टर में लाभुकों का नाम भी दर्ज कर रही हैं। साथ ही अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग को केयर इंडिया और पीसीआई भी सहयोग कर रहा है।
गंभीर रूप से बीमारों को नहीं खिलाई जा रही दवाः जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. कुंदन भाई पटेल ने बताया कि अभियान के दौरान दो से पांच वर्ष के बच्चों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की एक गोली, छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो और अल्बेंडाजोल की एक गोली और 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन और अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जा रही है। अल्बेंडाजोल की गोली लोगों को चबाकर खानी है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जा रही है। साथ ही गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी दवा नहीं खिलाई जा रही है। दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफ़ेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफ़ेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफ़ेक्ट सामान्य होते हैं, जो प्राथमिक उपचार से ठीक भी हो जाते हैं।

क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरियाः जिला मलेरिया पदाधिकारी (डीएमओ) ने बताया कि कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। क्यूलेक्स मच्छर घरों के दूषित स्थलों, छतों और आसपास लगे हुए पानी में पाया जाता है। इससे बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने देना चाहिए। घर के आसपास साफ-सफाई रखना चाहिए। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें इसके लिए सरकार हर साल में एक बार एमडीए अभियान चलाती है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है।