-शाहकुंड के गौरा के मो. फारुक टीका लेने के लिए दूसरे को कर रहे प्रेरित
-जिले में कोरोना टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग का अभियान जारी
भागलपुर, 25 नवंबर।
जिले में कोरोना टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग का अभियान जारी है। जिले में कोरोना टीका की पहली डोज लेने वालों की संख्या अच्छी खासी हो गई है। अब तो दूसरी डोज लेने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। जिले के सभी लोगों को जल्द से जल्द कोरोना टीका की दोनों डोज लग जाए, इसे लेकर अब स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों को टीका लगा रही है। अगर किसी के मन में कोई भ्रम है तो उसे भी दूर किया जा रहा है। इस दौरान कुछ ऐसे लोग भी मिल रहे हैं, जिन्हें पहले कोरोना टीका लेने में डर था, लेकिन जब से उन्होंने टीका लिया है राहत महसूस कर रहे हैं।
शाहकुंड प्रखंड के गौरा गांव के मो. फारुक को पहले टीका लेने में डर लग रहा था, लेकिन समझाने के बाद जब से उन्होंने कोरोना का टीका लिया है, तब से वह राहत महसूस कर रहे हैं। खुद तो कोरोना का टीका लिया ही, अब वह दूसरे लोगों को भी टीका लेने के लिए जागरूक कर रहे हैं। फारुक कहते हैं, पहले थोड़ी झिझक जरूर थी, लेकिन जब से टीका लिया है मन हल्का हो गया है। अब लग रहा है कि कोरोना का टीका मुझे पहले ही ले लेना चाहिए था। लेकिन कोई बात नहीं अब तो ले लिया है। अब मैं दूसरे लोगों को भी अपना अनुभव बताता हूं। आसपास के लोग भी मेरी बात पर विश्वास कर कोरोना का टीका लेने के लिए आ रहे हैं।
टीका लेने से दोहरा फायदा हुआः फारुक कहते हैं कि मुझे दमा की बीमारी थी। सांस लेने में परेशानी थी। इस वजह से मैं थोड़ा झिझक रहा था। लग रहा था कि कोरोना का टीका लेने के बाद कुछ हो न जाए, लेकिन जब डॉक्टर साहब ने समझाया तो मैं टीका लेने के लिए तैयार हो गया। खुशी की बात यह है कि अब मैं कोरोना से तो सुरक्षित हो ही गया। साथ ही अब सांस लेने में भी परेशानी नहीं हो रही है। इस तरह से कोरोना का टीका लेने के बाद मुझे दोहरा फायदा हुआ। साथ ही मैं बाहर जाते वक्त मास्क भी लगाए रहता हूं और सामाजिक दूरी का पालन करता हूं। इसका भी फायदा मुझे मिल रहा है।
क्षेत्र में मिल रहे अच्छे अनुभवः स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ गांवों का दौरा करने वाले केयर इंडिया के डीटीओ डॉ असद जावेद कहते हैं कि क्षेत्र में अच्छे अनुभव भी मिल रहे हैं। कोरोना टीका के प्रति नकारात्मक बात करने वाले लोगों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। अब ग्रामीण क्षेत्र में भी काफी लोगों ने टीका ले लिया है, इसलिए उन्हें जो राहत मिली है, उसे वह दूसरे लोगों को बता रहे हैं। इसका फायदा हो रहा है। पहले जो लोग टीका लेने से साफ मना कर देते थे, वह भी अब टीका लेने के लिए तैयार हो रहे हैं।