प्रदूषित भोजन व संक्रमित जल से होती है डायरिया की बीमारी
पेट मरोड़ व दर्द के साथ दस्त व उल्टी है डायरिया की पहचान
सभी आयु वर्ग के लोगों को समान रूप से प्रभावित करता है डायरिया
लखीसराय, 30 अप्रैल-
इस समय मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है| कोरोना संक्रमण के साथ अन्य बीमारियों की भी संभावना समान रूप से है |. इनमें डायरिया एक गंभीर बीमारी है| ऐसे में जरूरी है कि आवश्यक सावधानी बरती जाये और दवाइयों का प्रबंधन घर पर कर लिया जाये| ताकि अनावश्यक रूप से परेशान होने से बचा जा सके| डायरिया के मामले अधिकांशत: गर्मियों में बढ़ जाते हैं| यह किसी भी आयुवर्ग व्यक्ति को हो सकता है| थोड़ी सभी भी लापरवाही बरतने पर यह समस्या विशेष तौर पर शारीरिक रूप से कमजोर लोगों जैसे बुजुर्ग व बच्चों में अधिक गंभीर हो जाती है|
डायरिया होने का कारण बैक्ट्रीरिया और वायरस से होने वाला संक्रमण है.
प्रदूषित खानपान, बासी भोजन, साबुन से हाथ नहीं धोना, साफ पेयजल का इस्तेमाल नहीं करना आदि डायरिया की वजह हैं| डायरिया होने पर पेट मरोड़ व दर्द के साथ दस्त व उल्टी होती है| कभी कभी मल में खून या म्यूकस भी आने की शिकायत हो सकती है| डायरिया पीड़ित को इस दौरान तेज बुखार, सिरदर्द और हाथ व पेरों में दर्द होता है| चूंकि दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है इसलिए मरीज को तरल पदार्थ जरूर दिया जाना चाहिए|
शरीर में पानी की कमी के लक्षणों की ऐसे करें पहचान:
• गला सूखना व मुंह में सूखापन.
• कमजोरी और सुस्ती का एहसास.
• गाढ़े रंग का पेशाब होना.
• बहुत कम पेशाब होना.
• प्यास लगना.
जब शरीर में पानी की कमी हो निम्न तरीका अपनायें:
• पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें .
• नारियल पानी पीना लाभप्रद है.
• ओआरएस का इस्तेमाल करें.
• चिकित्सक की सलाह से आवश्यक दवाई लें.
• पानी को उबाल कर ठंडा कर लें और पीयें
• अधपके खाद्य पदार्थों, कटे और खुले फलों से परहेज.
• फलों व सब्जियों को अच्छी तरह धो कर इस्तेमाल.
नवजात व छोटे बच्चों का इस तरह रखें ध्यान:
नवजात व दूध पीते छोटे बच्चों में डायरिया की समस्या की रोकथाम के लिए उनका नियमित स्तनपान कराया जाना जरूरी है| इसके अलावा इसका भी पालन अवश्य रूप से करें.
• ओआरएस का घोल बना कर छोटे छोटे घूंट में पिलायें.
• वॉशरूम के इस्तेमाल के बाद मां साबुन से हाथ धोएं
• बच्चे के नियमित स्तनपान व संतुलित आहार का ध्यान रखें.
• आवश्यक होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जायें.
आशा व आंगनबाड़ी सेविकाएं से लें मदद:
जिला सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि डायरिया की रोकथाम के लिए आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं की मदद ली जा सकती है| उनके पास ओआरएस व जिंक की गोली मौजूद होती है| इसका सेवन डायरिया को रोकता है| साथ ही लॉकडाउन के समय में जब अस्पताल जाने में असुविधा हो रही है तो आशा व आंगनबाड़ी सहित नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सक का फोन नंबर अवश्य रखें| ताकि फोन पर ही सलाह ली जा सके|
[30/04, 17:30] Shyam: जिले में 8482 कोरोना संक्रमित मरीजों में 6139 कोरोना संक्रमित मरीज हुए स्वस्थ
– जिले में कुल 2270 एक्टीव केस, कोरोना जांच के लिए लिया गया है कुल 457618 लोगों का सैम्पल
मुंगेर, 30 अप्रैल| जिले में शुक्रवार तक कुल 8482 कोरोना संक्रमित मरीजों में से 6139 कोरोना संक्रमित मरीज कोरोना संक्रमण को हराकर स्वस्थ्य हो चुके हैं। इसके अलावा जिले के कुल 73 लोग कोरोना से लड़ाई हार चुके हैं| इसके साथ ही मुंगेर से बाहर मुंगेर के कुल 14 लोगों ने भी कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी जान गवां दी है।
अच्छी खासी संख्या में लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से जीतकर स्वस्थ्य भी हो रहे
मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र आलोक ने बताया जिले में लोगों के कोरोना संक्रमित होने की तुलना में अच्छी खासी संख्या में लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से जीतकर स्वस्थ्य भी हो रहे हैं। उन्होंने बताया, शुक्रवार को एक बार फिर से जिले में कुल 192 लोग कोरोना संक्रमित हो गए हैं जिसमें 128 पुरुष और 64 महिलाएं हैं। जिले के विभिन्न आइसोलेशन सेंटर में या होम आइसोलेशन में शुक्रवार तक कुल 1312 मरीज भर्ती हुए। इनमें से 46 मरीज मुंगेर के आइसोलेशन में भर्ती हुए जबकि 57 मरीज को दूसरे जगह रेफर भी किया गया है। इसके साथ ही शुक्रवार को 7 मरीज आइसोलेशन सेंटर में भर्ती किए गए हैं।
अभी कुल 2270 एक्टिव केस-
उन्होंने बताया जिले में शुक्रवार तक कोरोना जांच के लिए कुल 457618 लोगों का सैम्पल लिया गया है। जिसमें से अभी कुल 2270 एक्टिव केस हैं । जिले में एंटीजेन कोरोना जांच के लिए पिछली तिथि तक कुल 1047 लोगों का सैम्पल लिया गया था। इसी तरह पीएमसीएच लैब पटना के लिए कुल 572 लोगों का सैम्पल संग्रहित किया गया। इसके अलावा ट्रूनेट जांच के लिए मुंगेर लैब में कुल 75 सैम्पल लिए गए थे ।
कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए मास्क लगाएं, एक दूसरे से दो गज या छह फीट की दूरी रखें –
उन्होंने बताया अभी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच सभी जिले वासी अनिवार्य रूप से कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए मास्क लगाएं, सामाजिक दूरी के नियम के तहत एक दूसरे से कम से कम दो गज या छह फीट की दूरी बरतें। इसके साथ ही सभी लोग अपने हाथों कि नियमित साफ- सफाई के लिए साबून या हैंड सैनिटाइजर का नियमित इस्तेमाल करें तभी कोरोना वायरस के संक्रमण को पूरी तरीके से हराया जा सकता है।